पब्लिक फर्स्ट। कीव/ मॉस्को
यूक्रेन ने रूस पर उनके जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट को तबाह करने की प्लानिंग का आरोप लगाया है। यूक्रेन ने कहा है कि रूस ने न्यूक्लियर प्लांट की छतों पर माइन्स और विस्फोटक रखे हैं।
यूक्रेन के इन आरोपों के बाद UN की एटॉमिक एनर्जी एजेंसी यानी IAEA ने कहा है कि वो रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर प्लांट जपोरिजिया की जांच करेगा। इसके लिए IAEA ने बुधवार को रूस से न्यूक्लियर प्लांट को चेक करने के लिए ज्यादा एक्सेस की मांग की है।
‘रूस ने पहले बांध को तबाह किया अब न्यूक्लियर प्लांट की बारी’
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को इंटेलिजेंस एजेंसियों के हवाले से कहा है कि रूस ने पिछले महीने हमारे काखोवका बांध को तबाह किया था। अब वो परमाणु प्लांट को तबाह करने की तैयारी कर रहा है। हमले की आशंकाओं के बीच पिछले हफ्ते यूक्रेन ने प्लांट के आसपास के इलाकों में ड्रिल भी की थी।
हालांकि, रूस ने जेलेंस्की के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। रूस की न्यूक्लियर कंपनी के एडवाइजर रेनात कार्चा ने कहा है कि हमें प्लांट में विस्फोटक रखने की कोई जरूरत ही नहीं है। टेंशन बढ़ाने के लिए यूक्रेन ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन की मिलिट्री 5 जुलाई की रात को न्यूक्लियर प्लांट पर हमले की तैयारी कर रही थी। इसका इल्जाम वो रूस पर लगाना चाहते थे।
न्यूक्लियर डिजास्टर का 3 लाख लोगों पर होगा असर
IAEA के अधिकारी ने बताया है कि वो न्यूक्लियर प्लांट की यूनिट 3 और 4 की खास तौर पर जांच करना चाहता है। जपोरिजिया में बने यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर रूस ने जंग शुरू होने के एक महीने बाद ही मार्च 2022 में कब्जा कर लिया था। तब से ही IAEA इसे लेकर चिंता जाहिर करता रहा है।
जपोरिजिया यूरोप का सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक अगर जंग के बीच किसी तरह का न्यूक्लियर डिजास्टर हुआ तो इससे इलाके के 3 लाख लोगों को रेडिएशन का खतरा होगा। जिन्हें अपने घर छोड़ने पड़ेंगे। जपोरिजिया के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर व्हाइट हाउस का भी बयान आया है। अमेरिका ने कहा है कि वो हालातों पर नजर रखे हुए है। जांच से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता है।