नई दिल्ली

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा शुरू; सोनिया बोलीं- ये राजीव गांधी का लाया बिल
संसद के विशेष सत्र का आज बुधवार को तीसरा दिन है। दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर डिबेट शुरू हो गई है। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सदन को बिल के बारे में बता रहे हैं। यह डिबेट शाम 6 बजे तक चलेगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाषण दे सकते हैं।

कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी बहस को लीड करेंगी। उन्होंने कहा कि ये राजीव गांधी का लाया बिल है। वहीं, भाजपा की ओर से निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, दीया कुमारी अपनी बात रखेंगी। इस बीच आंध्र प्रदेश की YSR कांग्रेस ने बिल को समर्थन देने का ऐलान किया है।

नई संसद में कामकाज के पहले दिन पेश हुआ बिल
नई संसद में कामकाज के पहले दिन यानी 19 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पेश किया गया। इस बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा।

लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है।

विशेष सत्र के तीसरे दिन के बड़े अपडेट्स…

I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने मीटिंग कर महिला आरक्षण बिल को लेकर रणनीति बनाई।

आज राज्यसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर चर्चा की जाएगी।

RJD, JDU, SP और BSP समेत कई विपक्षी पार्टियों ने ओबीसी महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने की मांग की है।

भाजपा नेता उमा भारती और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी OBC महिलाओं के लिए भी कोटा तय करने की मांग की है।

AAP सांसद संजय सिंह ने इस बिल को ‘महिला बेवकूफ बनाओ’ बिल बताया है। उन्होंने कहा कि इसे 2024 से पहले लागू करना चाहिए।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और पी चिदंबरम ने इस बिल को केंद्र सरकार का जुमला बताया है।
परिसीमन के बाद ही लागू होगा बिल।

नए विधेयक में सबसे बड़ा पेंच यह है कि यह डीलिमिटेशन यानी परिसीमन के बाद ही लागू होगा। परिसीमन इस विधेयक के पास होने के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर होगा। 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले जनगणना और परिसीमन करीब-करीब असंभव है।

इस फॉर्मूले के मुताबिक विधानसभा और लोकसभा चुनाव समय पर हुए तो इस बार महिला आरक्षण लागू नहीं होगा। यह 2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों से लागू हो सकता है।

publicfirstnews.com

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