पब्लिक फर्स्ट । भोपाल ।
गरबों के आयोजनों में गैर हिंदू के प्रवेश पर रोक लगे एवं गरबों की आड़ में अश्लीलता स्वीकार नहीं – राजेश जैन
विश्व हिंदू परिषद, प्रान्त मध्यभारत, के प्रांत मंत्री श्री राजेसब जैन जी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि नवरात्रि में होने वाले गरबे माता की भक्ति का ही एक स्वरूप है।
भोपाल में गरबों के कई आयोजन किए जाते हैं, जिनमे कई व्यवसायिक आयोजन भी शामिल हैं। इन आयोजनों में कई बार ऐसी बातें भी भी देखने को मिलती है जो समाज और धर्म के हित में नहीं है।
इस प्रेस वक्तव्य के माध्यम से शासन, प्रशासन और गरबे के आयोजकों से विश्व हिंदू परिषद की ओर से आग्रह किया जा रहा है की-
- गरबे माता की भक्ति का स्वरूप है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गरबे के कार्यक्रमों में हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाए।यदि कोई गैर हिन्दू पाया जाए तो उसके साथ साथ आयोजकों पर भी कार्यवाही हो।
- यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गरबे में आने वाले समाज जन मर्यादित वस्त्र ही पहनकर आवे।
- गरबे के आयोजनों में धार्मिक गानों का ही प्रयोग हो, अश्लील फिल्मी गाने पूर्णत प्रतिबंधित होना चाहिए।
- गरबे के आयोजन में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था हो सुनिश्चित किया जाए।
- आयोजनों में हिंदू समाज की आस्था को ठेस न पहुंचे इस बात का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
- आयोजन में किसी भी प्रकार का नशा पूर्णत प्रतिबंधित होना चाहिए।
- जिस आयोजन में गैर हिंदू पाया जाए ऐसे कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कार्रवाई की जानी चाहिए।
- आयोजन के समापन का समय सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि एक ही समय पर सभी अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सके।
- विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ता हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए सतत प्रयासरत रहते हैं। ऐसे में गरबे के आयोजनों में भी कोई संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास तो नहीं कर रहा सूचना मिलने पर कार्यकर्ता निरीक्षण करते हैं। आयोजन कर्ताओं से आग्रह है कि वह ऐसे में बजरंग दल कार्यकर्ताओं को सहयोग प्रदान करें।
प्रान्त मंत्री जी ने आगे कहा कि कभी-कभी देखने में आता है कि आयोजनकर्ता द्वारा ही कार्यक्रम में जान बूझकर विधर्मी युवकों को प्रवेश दिया जाता है, ऐसे में विवाद की स्थितियां निर्मित होती है तो ऐसी दशा में आयोजनकर्ताओं को दोषी मान कर कार्यवाही की जाना चाहिए, शासन, प्रशासन द्वारा इस बात को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उपरोक्त सभी बातें हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए ही प्रयास हैं, हम शासन, प्रशासन और आयोजन कर्ताओं से पुनः आग्रह करते हैं कि वे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को सहयोग करें।
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