04 सितम्बर 2024

मोबाइल ऐप्स हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। सुबह हम सबसे पहले मोबाइल उठाते हैं और फिर स्क्रॉल कर मैसेज या सोशल मीडिया देखते हैं। डिजीटल होती इस दुनिया में छत्तीसगढ़ सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए कई ऐप लॉन्च किए हैं।

इसमें सरकारी नौकरी से लेकर लड़कियों की सुरक्षा, हेल्थ, योजनाएं और सुविधाओं को लेकर जानकारी है। इनका इस्तेमाल करके सरकारी सुविधाओं का घर बैठे लाभ उठाया जा सकता है। वहीं सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से भी मुक्ति मिल सकती है।

पहले 2 जवाबों में जानिए सरकारी ऐप को कैसे डाउनलोड करें और क्यों फायदेमंद…

>अगर आप एंड्रॉयड यूजर हैं तो इन सभी सरकारी ऐप्स को आसानी से गूगल के प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा IOS यूजर भी एपल के ऐप स्टोर से इन ऐप्स को डाउनलोड कर सकते हैं।


>ये एप्लिकेशन न केवल समय पर सर्विस देते हैं, बल्कि इसके इस्तेमाल से पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलता है। तेजी से डिजिटल होती दुनिया में ये ऐप सरकार और उसके नागरिकों के बीच की दूरी को पाटने का काम करते हैं।


छत्तीसगढ़ सरकार के कौन-कौन से ऐप ऐसे हैं, जो आपके मोबाइल में होने चाहिए? कैसे ये आपकी लाइफ को आसान बना सकते हैं? इनकी रेटिंग क्या है?पढ़िए जरूरत की खबर…

>मोर बिजली ऐप 2.0 : इसमें 36 तरह से ज्यादा की सेवाएं

प्रदेश में 10 लाख से ज्यादा लोगों ने मोर बिजली ऐप डाउनलोड किया है। बिजली बिल के कैलकुलेशन से ऑनलाइन बिल पेमेंट और सरकार की हाफ बिजली बिल योजना में मिलने वाली छूट की जानकारी आसानी से मिल सकती है।

यूजर्स को कनेक्शन से संबंधित मामलों में उपभोक्ता को बिजली दफ्तर, कॉल सेंटर, भुगतान केंद्र, इलाके के इंजीनियर का नाम और कई जरूरी जानकारियां मिलती हैं। ऐप वर्जन 2.0 में उपभोक्ता को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं।

उपभोक्ता से संबंधित मीटर, पोल, ट्रांसफॉर्मर, 11 केवी फीडर सबस्टेशन के भी बारे में पता चलता है। गूगल के Play Store में इस ऐप की रेटिंग 4.3 स्टार है और यूजर्स के रिव्यू भी काफी अच्छे हैं।

>भुइयां ऐप : जमीन का खसरा, खाता की जानकारियों का संकलन

भुइयां ऐप, छत्तीसगढ़ में जमीन का खसरा और खाता संबंधित जानकारियों का संकलन हैं। इस ऐप में यूजर्स को लैंड रिकॉर्ड मिलने के साथ ही साथ जमीन के कडेस्टरल मेप या भू-नक्शा कभी भी, कहीं से भी देखा जा सकता है।

यूज़र्स के लिए बड़ा फायदा यह है कि जमीन की प्रॉपर्टीज से संबंधित किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट को सुविधानुसार देखा और डाउनलोड किया जा सकता है।

इस वेबसाइट को स्मार्टफोन करके एक्सेस किया जा सकता है। डॉक्यूमेंट को चेक करने के लिए लोकल लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।

गूगल के play store में इस ऐप की रेटिंग 4.2 स्टार की है। यूजर्स के रिव्यू भी अच्छे हैं और अब तक 10 लाख से ज्यादा लोगों ने भुइयां ऐप डाउनलोड किया है।

>महतारी वंदन ऐप : रेटिंग 4.3, यूजर भी खुश

इस ऐप की मदद से योजना की हितग्राही महिलाओं को हर महीने हुए भुगतान की जानकारी आसानी से मिल जाती है। किसी हितग्राही की असामयिक मृत्यु की जानकारी भी इसी मोबाइल ऐप के जरिए दी जा सकती है।

साथ ही शिकायतें और निराकरण की स्थिति भी देखी जा सकती है। Play Store में ऐप का रेटिंग 4.3 स्टार है। 10 हजार से ज्यादा लोगों अब तक इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं। रिव्यू में यूजर्स ने इस ऐप को बेहतर बताया है।

>सीजी खाद्य जन भागीदारी : पीडीएस सिस्टम में खास है यह ऐप

पीडीएस सिस्टम में ये ऐप बहुत महत्वपूर्ण है। खाद्य विभाग ने साल 2018 में इस ऐप को लॉन्च किया था। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन कार्ड की पूरी जानकारी नवीनीकरण, राशन दुकान में उपलब्ध सामग्रियों के साथ हितग्राही के द्वारा राशन के उठाव की पूरी जानकारी इसमें मौजूद होती है।

इस ऐप को 5 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है और प्ले स्टोर में ऐप की रेटिंग 3.6 स्टार है और यूजर्स के रिव्यू अच्छे हैं।

>अभिव्यक्ति वुमन सेफ्टी : सुरक्षा में बेस्ट, रिव्यू भी अच्छे, पर लोगों को जानकारी कम

महिलाओं की सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने अभिव्यक्ति ऐप तैयार किया है, जिससे महिलाओं को तत्काल सहायता मिल सके। ऐप में SOS फीचर और पैनिक बटन से लैस है। बटन दबाते ही यूजर के पास लोकेशन में तुरंत पुलिस सहायता पहुंचेगी। हालांकि ज्यादातर लोग अब भी इस ऐप से अनजान हैं।

रेप, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, मारपीट, टोनही प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, अपहरण, बाल विवाह, मानव तस्करी, एसिड अटैक, लैंगिक अपराध, साइबर अपराध शामिल किए गए हैं। ऐप को 1 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। प्ले स्टोर में ऐप की रेटिंग 4.2 है और यूजर्स के रिव्यू भी अच्छे हैं।

हालांकि इसकी जानकारी अभी पूरी तरह से लड़कियों और स्टूडेंट्स को नहीं है।

>एनिमल ट्रैकिंग सीजी : आसपास हाथी, लैपर्ड या टाइगर तो नहीं

छत्तीसगढ़ के 36 वन मंडलों में 22 हाथियों से प्रभावित हैं। मानव-हाथी संघर्ष में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। ऐसे में वन विभाग ने हाथियों की ट्रैकिंग के लिए विशेष रूप से एनिमल ट्रैकिंग ऐप बनाया है। हालांकि टाइगर और लैपर्ड जैसे जानवरों की भी इस ऐप से ट्रैकिंग की जाती है।

पता चलते ही मुनादी कराकर गांव वालों को सूचना दी जाती है। इस ऐप में यूजर्स को वैरिफाई करने के बाद ही एक्सेस की अनुमति दी जाती है। इसके जरिए 100 किलोमीटर की रेंज में एनिमल को ट्रैक करते हैं।

अब उन ऐप की बात, जिन्हें अपडेट और अपग्रेड करना जरूरी है। ये ऐप जनता खासकर युवाओं के बहुत काम के हैं…

>छत्तीसगढ़ रोजगार ऐप : 3 माह में 10 हजार डाउनलोड, पर रिव्यू बहुत खराब

प्रदेश के युवाओं को घर बैठे रोजगार पंजीयन हो सके साथ ही रोजगार के नए अवसरों की जानकारी मिल सके। इस मकसद से छत्तीसगढ़ रोजगार ऐप तैयार किया गया है।

ऐप के लॉन्च होने के तीन माह के भीतर ही इसे 10 हजार लोगों ने डाउनलोड किया है। वहीं 1611 लोगों ने घर बैठे पंजीयन भी कराया है।

इससे युवाओं को रोजगार कार्यालयों में जाकर लंबी-लंबी लाईन नहीं लगानी पड़ रही है। वहीं समय और पैसे का बचत भी हो रही है। गूगल प्ले स्टोर में इस ऐप की रेटिंग 2.4 स्टार है।

>मोर रायपुर : ऐप शानदार, पर रिव्यू और रेटिंग उतनी ही खराब

रायपुर में ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स, नामांतरण, नल कनेक्शन, जल कर जैसे टैक्स पेमेंट के लिए मोर रायपुर ऐप लॉन्च किया गया था। रायपुर स्मार्ट सिटी के इस ऐप में ऑनलाइन सर्विस के अलावा लोगों की जरूरत और काम की कई सुविधाएं जोड़ी गई हैं।

जैसे नियर मी यानी मेरे आसपास पार्किंग, टॉयलेट, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पार्क, सरकारी दफ्तर, हास्पिटल, प्ले ग्राउंड और म्यूजियम की उपलब्धता की जानकारी मिल जाती है। विभिन्न तरह की शिकायतों के लिए ग्रीवेंस का विकल्प चुनना होता है।

यहां पर एयर पॉल्यूशन, कचरा, पानी, स्ट्रीट लाइट, कब्जे, गार्डन, मवेशी हटाने, होर्डिंग और रोड रिपेयर की शिकायतें ऑनलाइन की जा सकती हैं। लेकिन प्ले स्टोर पर ऐप की रेटिंग महज 2.8 है और यूजर्स के रिव्यू अच्छे नहीं हैं। कई सारी शिकायतें हैं, जिसके समाधान की जानकारी भी यूजर्स को नहीं दी गई।

>सीजी हेल्थ इन्फो : जुलाई 2017 के बाद ऐप अपडेट ही नहीं

स्वास्थ्य से जुड़ी सभी तरह की समस्याओं के निराकरण और जानकारी के लिए ये ऐप लाया गया था। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण से लेकर कई अन्य बीमारियों से जुड़ी जानकारियां शामिल हैं। इसके अलावा बाल श्रवण योजना, संजीवनी योजना और बाल हृदय योजना की जानकारी है।

तत्कालीन रमन सिंह सरकार के समय इस ऐप को लॉन्च किया गया था, लेकिन 4 जुलाई साल 2017 के बाद इस ऐप को अपडेट ही नहीं किया गया। ऐसे में योजना और स्थिति को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। यह भी नहीं पता है कि योजनाएं संचालित हैं या बंद हैं।

>सुगम ऐप : ढूंढने पर भी Play Store पर नहीं मिलता

प्रॉपर्टी संबंधी धोखाधड़ी और टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार ने यह ऐप लॉन्च किया है। इस एप्लिकेशन में कोई भी व्यक्ति अपनी रजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट की प्रॉपर्टी में जाकर 3 साइड से फोटो और अक्षांश और देशांतर भौगोलिक स्थिति को रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर में अपलोड कर सकता है।

इस ऐप को इसी महीने 19 अगस्त को ही वित्त और वाणिज्य मंत्री ओपी चौधरी ने लॉन्च किया है, लेकिन गूगल के Play Store में यह App ढूंढने पर भी हमें दिखाई नहीं दिया। जबकि इसी नाम से बिहार और अन्य राज्यों के कई ऐप दिखाई देते हैं।

सवाल- नकली ऑफिशियल सरकारी वेबसाइट्स को कैसे पहचान सकते हैं?

जवाब– किसी नकली सरकारी वेबसाइट की पहचान करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। जैसे कि-

>वेब एड्रेस (URL) को ध्यान से देखें। आधिकारिक सरकारी वेबसाइट में .gov.in या .nic.in. डोमेन होता है। इसलिए इससे मिलते-जुलते डोमेन या URL वाली वेबसाइटों से सावधान रहें।


>आधिकारिक सरकारी मुहर, लोगो या चिन्ह को जरूर देखें। असली सरकारी वेबसाइट अक्सर इन चीजों को प्रमुखता से दिखाती हैं। हालांकि ध्यान रखें कि इन्हें कॉपी भी किया जा सकता है।


>वेबसाइट की वर्तनी और व्याकरण संबंधी त्रुटियों की जांच करें। सरकारी वेबसाइट के इंटरफेस में आमतौर पर भाषाई गलतियां नहीं होती हैं। टाइप और व्याकरण संबंधी गलतियां नकली वेबसाइट का संकेत है।


>अगर आपको किसी वेबसाइट की प्रमाणिकता के बारे में कोई संदेह है तो इसके सत्यापन के लिए संबंधित सरकारी एजेंसी से सीधे संपर्क करना सबसे अच्छा विकल्प है।

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