HIGHLIGHTS FIRST

• जर्मनी से वापस आते ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों के हित को रखा प्राथमिकता में

• खाद और उर्वरक वितरण व्यवस्था की विस्तार से की समीक्षा

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दिए निर्देश

• उर्वरक वितरण और विक्रय से जुड़ी गड़बड़ियों पर सख्त कार्यवाही की जाए

• कालाबाजरियों और अवैध भंडारण करने वालों के विरूद्ध दर्ज हुए 71 प्रकरण

• वितरण केन्द्रों की संख्या पिछले साल से ज्यादा,,पहले से अधिक मात्रा में हुआ उर्वरक वितरण

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा से उर्वरक आपूर्ति निरंतर करने का आग्रह करेंगे। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा जहां से भी वितरण संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहां दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए । जरूरत पड़ने पर वितरण केन्द्रों की संख्या अविलंब बढ़ाने के प्रबंध किए जाएं । पूर्व वर्ष में 470 उर्वरक विक्रय केन्द्र थे। वर्तमान में प्रदेश में 761 विक्रय केन्द्र और काउंटर्स द्वारा वितरण का कार्य किया जा रहा है। विपणन संघ, मार्केटिंग सोसायटी और एमपी एग्रो द्वारा केन्द्रों का सुचारू संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में गुणवत्ता नियंत्रण के अंतर्गत 10 हजार से अधिक नमूने विश्लेषित किए गए।

• कोदो – कुटकी उत्पादन बढ़ाये

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों को कोदो-कुटकी के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित करने के अधिकारियों को निर्देश दिये है।

• खाद कालाबाज़ारियों पर कार्रवाई

• कुल 45 लायसेंस निलंबित

• अधिकारियो को सोशल मीडिया और जनमाध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर संज्ञान लेने के निर्देश

• प्रदेश में गत वर्ष से अधिक मात्रा में उर्वरक वितरण हो चुका है।

• फसलों की बोवनी लगभग दो तिहाई क्षेत्र में हो चुकी है

• प्रदेश में 28 नवम्बर 2024 तक 32.44 लाख मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हैं।

• 21.34 लाख मेट्रिक टन का विक्रय हो चुका है और 11.10 लाख मेट्रिक टन उर्वरक शेष है।

• दिसम्बर माह में उर्वरक की उपलब्धता लगभग 20 लाख मेट्रिक टन रहेगी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सोशल मीडिया पर और अन्य जनमाध्यमों से उर्वरक वितरण की शिकायतें प्राप्त होने पर सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के अधिकारी अविलंब संज्ञान लें और शिकायतों को दूर करें।

• मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री नड्डा एवं रेल मंत्री वैष्णव से आग्रह

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को वितरण के लिए निरंतर और नियमित रूप से आवश्यक उर्वरक प्राप्त हो रहे हैं। भविष्य में भी यह व्यवस्था सुचारू रहे, इस उद्देश्य से वे केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह करेंगे। वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न जिलों के लिए रेल से 11 रैक पाईंट के लिए यूरिया का प्रदाय हो रहा है। आगामी सप्ताह यूरिया सहित डीएपी, एनपीके और टीएसपी के रैक टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, कछपुरा, झुकेही, शहडोल, इटारसी, गुना, अशोकनगर, मेघनगर, खंडवा, शाजापुर, मंडीदीप, खंडवा, ब्यावरा, शिवपुरी, डबरा, बैतूल आदि के लिए आएंगे। दिसम्बर महीने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। भारत सरकार का पूर्ण सहयोग प्रदाय व्यवस्था में मिल रहा है।

दोषियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरण एवं जिलों में हुए नवाचार

किसानों के हित में उर्वरक व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है। दोषियों के विरूद्ध गत सात दिवस में 11 एफआईआर दर्ज हुई हैं। इस सीजन में कुल 71 एफआईआर दर्ज हुई हैं, इनमें प्रदेश में उर्वरक के अवैध भंडारण पर 27, अवैध विक्रय पर 17, कालाबाजारी पर 10, अवैध परिवहन पर 7, अमानक उर्वरक पर 5, पीओएस मशीन से विक्रय नहीं करने पर 3 और नकली उर्वरक के विक्रय पर 2 एफआईआर दर्ज हुई हैं। प्रदेश भर में यह कार्यवाही निरंतर चल रहा है। प्रदेश के कुछ जिलों में किसानों के हित में बेहतर वितरण व्यवस्था से संबंधित नवाचार किए गए हैं। विदिशा जिले के कुरवई में खाद और बीज दुकानों की जाँच कर सैम्पल लिए गए। जबलपुर में कालाबाजारी की शिकायतों पर सख्त कार्यवाही की गई। किसानों को फसलों में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल का परामर्श भी दिया गया। छतरपुर जिले में अवैध भंडारण पर एफआईआर कर दोषी व्यापारियों पर केस दर्ज किए गए। आगर-मालवा, बैतूल, देवास, बालाघाट, बुरहानपुर, झाबुआ, शिवपुरी, मंदसौर, श्योपुर, हरदा और खंडवा जिलों में भी सख्त कार्यवाही कर अवैध व्यापार करने वालों को दंडित किया गया है। नवाचारों में टीकमगढ़ में काउंटर संख्या बढ़ाकर वितरण व्यवस्था को आसान बनाया गया। छिंदवाड़ा में रबी फसल की तैयारी के लिए किसानों के लिए मार्गदर्शी कार्यशाला आयोजित की गई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रमुख निर्देश

· प्रदेश में जहां रेल के रैक आने में विलंब हो, वहां सड़क मार्ग से परिवहन कर उर्वरक पहुंचाएं।

· केन्द्रों की संख्या अधिक से अधिक हो। आवश्यकता हो तो किराए की दुकान लेकर भी वितरण कार्य किया जाए।

· सोशल मीडिया पर और अन्य जनमाध्यमों से उर्वरक वितरण की शिकायतें प्राप्त होने पर सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के अधिकारी अविलंब संज्ञान लें और शिकायतों को दूर करें।

· कृषि प्रदर्शनी और आधुनिक तकनीक से जुड़े यंत्रों का प्रदर्शन किसानों के समक्ष किया जाएगा।

· फसल चक्र में बदलाव को प्रोत्साहित किया जाए।

· कोदो-कुटकी उत्पादकों को प्रोत्साहित किया जाए।

· प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए।

· किसानों से उपार्जित खाद्यान्न के लिए भुगतान में विलंब न हो।

· भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त किया जाए।

· कॉन्टेक्ट फार्मिंग को भी प्रोत्साहित किया जाए।

· किसानों के हित में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

· आगामी ग्रीष्म काल में मक्का उत्पादन को भी प्रोत्साहन दिया जाए।

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