HIGHLIGHTS FIRST

म्यूजियम खोलेगा धरती की उत्पत्ति के राज
ह्यूमन रिवोल्यूशन की मिलेगी जानकारी
विक्टोरिया मार्केट को मिली नई पहचान
तानसेन समारोह में बनेगा विश्व रिकॉर्ड
8 वाद्ययंत्रों से देशी विदेशी कलाकार मचाएंगे धमाल
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे उद्घाटन

Gwalior Geo Musium: ग्वालियर में तैयार हो चुके जूलॉजिकल म्यूजियम अपने आप में बेहद खास है। यहां कई सारे जानकारी पर से पर्दा उठेगा। हैरीटेज बिल्डिंग महाराज बाड़ी में तैयार हुआ म्यूजियम धरती के विकास से लेकर मानव सभ्यता के इवोल्यूशन के बारे में जानकारी देगा। रविवार 15 दिसंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इसका उद्घाटन करने आ रहे हैं।

पृथ्वी पर जन्म लेने वाले मनुष्य के मन में कभी ना कभी एक जिज्ञासा जरूर आती है कि आखिर इस पृथ्वी का निर्माण कैसे हुआ? किस प्रकार यहां पर मानव जाति की उत्पत्ति हुई? किस तरह से यह आमजन जीवन आज लोगों की जीवन शैली बन गया। आखिर इन सब की शुरुआत कैसे हुई। यह सभी सवाल मन में उठते रहते हैं। खासकर बच्चों के लेकिन, कभी तो उन्हें जवाब देकर शांत किया जाता है। कभी वह खुद को किताब में पढ़कर अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने का प्रयास करते हैं।

अब बच्चों से लेकर बड़ों तक की जिज्ञासाओं का अंत ग्वालियर में होगा। यहां एशिया का पहला जूलॉजिकल म्यूजियम खुलने जा रहा है। एक हैरीटेज बिल्डिंग में बनकर तैयार भी हो चुका है, जिसका उद्घाटन भारत के उपराष्ट्रपति करने जा रहे हैं।

म्यूजियम खोलेगा धरती की उत्पत्ति के राज

देश के पहले जियोलॉजिकल म्यूजियम में कई रहस्य से पर्दा उठेगा यह जिज्ञासु बच्चे बुजुर्ग सभी अपनी जिज्ञासाओं का अंत कर सकेंगे। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तो शिक्षा के क्षेत्र में इसका महत्व बहुत अधिक है। साथ ही आम जन के लिए भी यह संग्रहालय एक बड़ी बात है। इस संग्रहालय में लाइटिंग इफैक्ट्स और मशीनी तकनीक के जरिए दर्शाया गया है कि आखिर इस पृथ्वी की उत्पत्ति किस प्रकार हुई। पृथ्वी के भीतर यह सारे खनिज पदार्थ किस तरह निर्मित होते हैं। इतना ही नहीं कितने वर्ष पहले पृथ्वी का निर्माण शुरू हुआ था। आज जो पृथ्वी नजर आती है वह असल में कैसी है। इन सब की जानकारी मिलेगी।

म्यूजियम में प्रमुख रूप से दो गैलरिया बनाई गई है जिसमें एक गैलरी का नाम परिवर्तनशील पृथ्वी है। इसमें दर्शाया गया है कि किस तरह से पृथ्वी अपने स्वरूप में आई। किन-किन चीजों से मिलकर इसका निर्माण हुआ और किस तरह से इसके भीतर लावा तैयार होता है। किस तरह पर्वतों का निर्माण हुआ और किस तरह ज्वालामुखी फटते हैं।

ह्यूमन रिवोल्यूशन की मिलेगी जानकारी

वहीं, दूसरी गैलरी में मानस सभ्यता के आवास को दर्शाया गया है। किस तरह मानव जाति का विकास हुआ। किस तरह से मानव सभ्यता की जीवन शैली बदली। डायनासोर को धरती पर किस तरह आया गया। किस तरह से मानव की आने से पहले यहां जीवन शैली हुआ करती थी। डायनासोर किस तरह विलुप्त हुए। इन सभी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए ही इस संग्रहालय का निर्माण किया गया है।

लगभग 35 करोड रुपए की लागत से बने यह संग्रहालय अपने आप में एक अनूठा और जानकारी का भंडार है जिसमें देश और विश्व की ही नहीं बल्कि ब्रह्मांड से जुड़ी हुई अनूठी जानकारियां भी उपलब्ध होगी और इन सबको लोग सिर्फ देख ही नहीं सकेंगे बल्कि महसूस भी कर सकेंगे की किस तरह से भूकंप आता है किस तरह से जमीन में दरारें आई है और आखिर ज्वालामुखी किस तरह से बाहर आता है।

publicfirstnews.com

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