मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एक और बड़ा समझौता हुआ है. इसके तहत पार्वती-कालीसिंध और चंबल नदी को आपस में जोड़ने की परियोजना शुरू होने जा रही है।
मध्य प्रदेशऔर राजस्थान के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. दोनों राज्यों के बीच कुल तीन नदियों को आपस में जोड़ा जाना है. इसके लिए खास त्रिपक्षीय समझौता आज, 17 दिसंबर को होना है. इसको लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादवने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मंगलवार को जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
एमपी-राजस्थान के किसानों के लिए समृद्धि-सीएम डॉ. यादव
सीएम डॉ. मोहन यादव ने नदी जोड़ो योजना के बारे में बताते हुए कहा कि इस खास परियोजना से मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसानों के लिए समृद्धि आएगी. दशकों के प्रयासों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नदियों को जोड़ने का सपना साकार हो रहा है. उन्होंने कहा कि एमपी और राजस्थान को सिंचाई व पेयजल सुविधाएं प्रदान करने के लिए 2004 में यह नदी जोड़ो परियोजना प्रस्तावित की गई थी. हालांकि, दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे पर समझौता न होने के कारण परियोजना को लागू नहीं किया जा सका।
नदी जोड़ो परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ रुपये है, जिसे मध्यप्रदेश (35,000 करोड़ रुपये) और राजस्थान (37,000 करोड़ रुपये) साझा करेंगे. परियोजना की कुल जल भंडारण क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी और 172 मिलियन घन मीटर पानी पेयजल और उद्योगों के लिए आरक्षित किया जाएगा. परियोजना के तहत 21 बांध और बैराज बनाए जाएंगे।
पीएम मोदी की मौजूदगी में होगा समझौता
सीएम डॉ. यादव ने कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना के लिए त्रिपक्षीय समझौते की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में इस त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र में 6.13 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और 40 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा।
ऐसे मिलेगा एमपी के किसानों को लाभ
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि लगभग 60 साल पुरानी चंबल दाहिनी मुख्य नहर और वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण कार्य के माध्यम से भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों के किसानों को मांग के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाएगा. परियोजना से मध्य प्रदेश के गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, धार, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों के 3,217 गांवों को लाभ मिलेगा।
publicfirstnews.com