13 जनवरी से महाकुंभ मेले का आगाज होने वाला है। इसमें करीब 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। मेले की तैयारियां अंतिम चरण पर है। महाकुम्भ का स्नान 13 जनवरी से शुरू हो रहा है और अगला स्नान पर्व 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर है। महाकुंभनगर धरती साधु-संतों और उनकी असीम ऊर्जा से आह्ललादित है। यहां से आने वाली साधु-संतों की तस्वीरें महाकुंभ को लेकर उनके उत्साह और भक्ति को लेकर समर्पण के बारे में बताती है।
स्नान पर्व से पहले ही करीब 25 लाख लोगों ने लगाई डुबकी
महाकुंभ के स्नान पर्व से पहले ही करीब 25 लाख लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। घने कोहरे के बावजूद सुबह से ही श्रद्धालुओं का हुजूम मेला क्षेत्र की तरफ जाता दिखा।
मेले में अखाड़ों का छावनी प्रवेश जारी
बता दें कि महाकुम्भ मेले में अखाड़ों का छावनी प्रवेश जारी है। इसी क्रम में शनिवार को सिखों के निर्मल अखाड़े का भव्य छावनी प्रवेश हुआ, जिसमें हजारों संतों ने हिस्सा लिया। इससे पहले शैव, वैष्णव और उदासीन अखाड़े छावनी में प्रवेश कर चुके हैं। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की छावनी प्रवेश यात्रा में वेद, वेदांग और गुरुवाणी तीनों का अद्भुत संगम देखने को मिला।
लोगों ने अखाड़े का किया पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत
छावनी प्रवेश यात्रा में रथ, बग्घी और घोड़ों पर सवार साधु संतों का समूह कीडगंज स्थित अखाड़े के मुख्यालय से निकला। इस प्रवेश यात्रा में एक हजार से अधिक साधु संत शामिल हुए, जिसमें अधिकतर संत सिख समुदाय से आते हैं। संतों के पीछे-पीछे महिलाएं गुरुवाणी का पाठ और शबद कीर्तन करते हुए चल रहीं थी। छावनी प्रवेश में मां काली के रौद्र रूप को प्रदर्शित करने वाली झांकी भी कौतुहल का केंद्र रही। विभिन्न स्थानों पर इस छावनी प्रवेश यात्रा का स्थानीय लोगों और पुलिस प्रशासन के लोगों ने पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत किया।
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