पब्लिक फर्स्ट । भोपाल । माया प्रजापति ।
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने व्यक्त किया संकल्प
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि मध्यप्रदेश सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
राज्य में सहकारी डेयरी क्षेत्र को सशक्त बनाकर किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल को भोपाल स्थित रविन्द्र भवन में राज्य स्तरीय सहकारी दुग्ध उत्पादक गोपाल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें केंद्रीय सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह की विशेष उपस्थिति रहेगी।
- मध्यप्रदेश में दुग्ध सहकारिता के माध्यम से बढ़ेगी किसानों की आय
मुख्यमंत्री ने बताया कि सम्मेलन के दौरान दुग्ध संघों, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (MPCDF) के बीच महत्वपूर्ण सहकारिता अनुबंध (Collaboration Agreement) पर हस्ताक्षर होंगे।
इस अनुबंध के ज़रिए किसानों और पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन से स्थायी लाभ और नई आर्थिक संभावनाओं से जोड़ने की पहल की जाएगी।
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को दूध की उचित कीमत, नियमित ख़रीद और बेहतर बाज़ार उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
- केंद्रीय सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में होगा अनुबंध
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि प्रदेश में श्वेत क्रांति की नई शुरुआत होगा।
उन्होंने जानकारी दी कि:
• किसानों को दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
• प्रत्येक जिले में सांची डेयरी के साथ मिल्क कूलर, मिनी डेयरी प्लांट और चिलिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी।
• दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में विस्तार कर किसानों को अधिक लाभ मिल सकेगा।
• गांव-गांव में दुग्ध सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी।
• दुग्ध उत्पादकों को सहकारी डेयरी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा।
डॉ. यादव ने यह भी बताया कि प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है, और इस नई नीति के ज़रिए यह स्थान और मजबूत होगा।
विशेष :
भोपाल में 13 अप्रैल को होने वाला गोपाल सम्मेलन किसानों और पशुपालकों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकता है। सहकारिता के इस नए युग की शुरुआत में सभी की निगाहें मध्यप्रदेश पर टिकी होंगी।
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