भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान देने वाले मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कुंवर विजय शाह की माफी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। साथ ही, इस मामले में अब विशेष जांच दल (SIT) गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह SIT तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों की टीम होगी, जो पूरे मामले की जांच करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने माफी को अस्वीकार करते हुए तीखी टिप्पणी की और कहा, “कभी-कभी माफ़ी केवल खुद को बचाने के लिए मांगी जाती है। यह माफी मगरमच्छ के आंसुओं जैसी लगती है। आप बिना सोचे-समझे एक महिला अधिकारी के लिए भद्दे कमेंट करते हैं और अब माफी मांगते हैं?” अदालत का यह रुख मामले की गंभीरता को दर्शाता है।
क्या था विवादास्पद बयान?
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर जिले के महू स्थित रायकुंडा गांव में ‘हलमा’ कार्यक्रम के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर टिप्पणी करते हुए बेहद आपत्तिजनक और असंवेदनशील भाषा का उपयोग किया। उन्होंने कहा:
“उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी…”
इस बयान को लेकर न केवल राजनीतिक हलकों में विरोध हुआ, बल्कि सेना, महिला संगठनों और नागरिक समाज ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।
क्या हुआ कोर्ट में?
शाह ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा 14 मई को दिए गए FIR दर्ज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने न केवल उनकी याचिका को खारिज किया, बल्कि SIT जांच के आदेश भी दिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि महिला अधिकारियों के प्रति इस तरह की भाषा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है, विशेष रूप से तब जब वह देश के लिए सेवा कर रही हों।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं और ऑपरेशन सिंदूर के सफल नेतृत्व का हिस्सा थीं। ऑपरेशन के बाद उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी के साथ मिलकर मीडिया को ऑपरेशन की जानकारी दी थी।
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