उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर स्थित श्री महाकाल महालोक के धनुष द्वार के सामने लगी भगवान शिव की त्रिपुरासुर संहार की प्रतिमा तेज हवा के क्षतिग्रस्त हो गई। घटना शुक्रवार 6 जून की है। सूचना मिलने के बाद प्रतिमा को पर्दा लगाकर ढंका गया है। वहीं प्रतिमा के आस-पास बेरिकेड्स लगाकर लोगों के जाने पर रोक लगा दी है।

मामले में स्मार्ट सिटी के सीईओ ने कहा मेंटेनेंस का कार्य कराया जा रहा है। मंदिर समिति के उप प्रशासक ने कहा प्रतिमा ढंके होने पर हमें भी यही बताया गया है कि मेंटेनेंस किया जा रहा है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के महाकाल महालोक के धनुष द्वार प्रवेश मार्ग के सामने फूड जोन के समीप भगवान शिव की त्रिपुरासुर संहार की बड़ी प्रतिमा लगी हुई है। जिसमें भगवान शिव रथ पर सवार होकर धनुष हाथ में लेकर असुर का वध करते हुए दर्शया गया है। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार 6 जून को दोपहर में तेज हवा चलने के कारण मूर्ति के रथ में लगा छत्र और मूर्ति का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। इसकी जानकारी मंदिर के कंट्रोल रूम को मिली थी। इसके बाद मंदिर प्रशासन द्वारा ताबड़तोड़ मूर्ति को पर्दा लगाकर ढंक दिया गया।

वहीं प्रतिमा के आस-पास बेरिकेड्स लगाकर किसी को जाने नही दिया जा रहा है। महाकाल महालोक में लगी प्रतिमाओं का रखरखाव स्मार्ट सिटी के माध्यम से किया जाता है। इधर प्रतिमा को ढंके हुए चार दिन होने के बाद भी सुधार नही किया गया। मौके पर मिले इंजीनियर अभय सिंह ने कहा प्रतिमाओं का मेंटेनेंस कराया जा रहा है। कार्य पूर्ण होने पर पर्दा हटा देंगे।

सीईओ बोले- सभी प्रतिमाओं का रिनोवेशन होना है

स्मार्ट सिटी के सीईओ संदीप शिवा से महाकाल लोक में लगी शिव प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने और रथ पर लगा छत्र के क्षतिग्रस्त होने के सवाल पर कहा कि, वहां लगी सभी प्रतिमाओं का मेंटेनेंस किया जा रहा है। कार्य पूरा क्यों नही हुआ मैं दिखावा लेता हूं।

उप प्रशासक ने कहा- हमें भी यही जानकारी मिली

मामले को लेकर मंदिर समिति के उप प्रशासक एसएन सोनी ने कहा कि, वे हिमाचल के राज्यपाल की ड्यूटी पर है। प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने और चार दिन बाद भी सुधार नहीं होने के सवाल पर उनका कहना था कि प्रतिमा ढंकी होने से जब स्मार्ट सिटी से पूछा गया तो हमें बताया गया है कि प्रतिमा का मेंटेनेंस किया जा रहा है। अभी तक कार्य क्यों नही हुआ मैं जानकारी लेकर ही बता सकूंगा।

दो साल पहले सप्त ऋषि की प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त हुई थी

श्री महाकाल महालोक में लगी सप्तऋषि की सात प्रतिमाएं भी दो साल पहले क्षतिग्रस्त हुई थी। 29 मई 2023 को सप्तऋषि की 7 में से 6 मूर्तियां आंधी-तूफान की वजह से धराशायी हो गई थी। फाइबर रीइन्फोर्स प्लास्टिक से बनी ये मूर्तियां भीतर से खोखली थी। मूर्तियों के गिरने के बाद कांग्रेस ने भी सवाल उठाए थे। मूर्तियों के गिरने के बाद तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नए सिरे से सप्त ऋषि की मूर्ति बनाने के निर्देश दिए थे। तीन महीने बाद अगस्त 2023 में एक बार फिर नई मूर्तियां लगाई गई। शिवराज सरकार बदलते ही नए सीएम डॉ. मोहन यादव ने यहां पत्थर की मूर्तियां लगाने का आदेश दिया था।

सप्त ऋषि की पत्थर की मूर्ति हो रही तैयार

महाकाल महालोक में सप्तऋषियों मूर्तियों को जुलाई 2024 में फिर बदलने की तैयारी की गई। यहां पर सप्त ऋषि की सात मूर्तियां करीब 2.50 करोड़ की लागत से पत्थरों की मूर्तियां लगाने के लिए मूर्तियां तैयार करने का काम ओडिशा के कलाकारों ने शुरू कर दिया है।

बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से बनने वाली एक मूर्ति की कीमत 35 लाख रूपए बताई गई। पत्थर से बनने वाली मूर्ति 15 फीट उंची, 10 फीट चौड़ी, 4.5 फीट मोटी रहेगी। पहले फेज में सप्तऋषि की मूर्तियां बनाई जा रही है। इसके बाद बाकी मूर्तियों को भी बदला जाएगा।

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