मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ज़ायद सीज़न की मूंग और मूंगफली की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ख़रीद शुरू कर दी है। इस योजना का लाभ प्रदेश के लाखों लघु एवं सीमांत किसानों को मिलेगा।

कब तक चलेगी ख़रीद प्रक्रिया?

  • मूंग: 2 सितंबर 2025 तक
  • मूंगफली: 29 अगस्त 2025 तक
  • स्थान:
    • मूंग की ख़रीद सभी 75 जिलों में
    • मूंगफली की ख़रीद 15 जिलों में

क्या हैं MSP दरें और लक्ष्य?

फसलन्यूनतम समर्थन मूल्य (₹/क्विंटल)कुल लक्ष्य (मीट्रिक टन)
मूंग₹ 8,68234,720 MT
मूंगफली₹ 6,78350,750 MT

कौन कर रही है खरीदारी?

दो केंद्रीय एजेंसियां ज़िम्मेदारी संभाल रही हैं —

1. NAFED

  • मूंग: 24,304 टन
  • मूंगफली: 35,525 टन
  • ज़िलों: मथुरा, अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी आदि (55 ज़िले मूंग, 3 ज़िले मूंगफली)
2. NCCF
  • मूंग: 10,416 टन
  • मूंगफली: 15,225 टन
  • ज़िलों: प्रयागराज, बुलंदशहर, चंदौली, हापुड़ आदि (19 ज़िले मूंग, 12 ज़िले मूंगफली)

किसानों के लिए आसान प्रक्रिया
  • पंजीकरण: आधार, बैंक खाता और भूमि अभिलेख के साथ रजिस्ट्रेशन
  • क्रय केंद्र: हर जिले में कई केंद्र, ताकि लंबी दूरी न तय करनी पड़े
  • भुगतान: गुणवत्ता जांच और तौल के बाद 72 घंटे में बैंक खाते में ट्रांसफर

क्यों अहम है यह सरकारी ख़रीद?
  • भारत दाल और खाद्य तेल का बड़ा हिस्सा आयात करता है।
  • मूंग और मूंगफली की सरकारी ख़रीद से आत्मनिर्भरता को मिलेगा बढ़ावा।
  • MSP में हालिया वृद्धि:
    • मूंग: ₹ 8,558 → ₹ 8,682
    • मूंगफली: ₹ 6,377 → ₹ 6,783
  • PSS और PM-AASHA योजना के तहत 11 साल में 7,350% की बढ़ोतरी।
  • किसानों को बाजार में न्यूनतम मूल्य की गारंटी, जिससे मुनाफ़ा तय।
किसानों को क्या फ़ायदा होगा?
  • सीधी कमाई: समय पर फसल बेचने पर त्वरित भुगतान
  • लागत से ऊपर मूल्य: MSP लागत से कम से कम 50% अधिक
  • फसल विविधीकरण को बढ़ावा: अब सिर्फ़ गन्ना या धान पर निर्भर नहीं
  • बीज, उर्वरक ख़रीदने की क्षमता बढ़ेगी

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