उज्जैन में दोपहर 3 बजे से शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा

शुक्रवार को उज्जैन में इस्कॉन द्वारा निकाली गई भगवान जगन्नाथ की 19वीं रथ यात्रा का शुभारंभ दोपहर 3 बजे हुआ। मंगल आरती और विधिवत पूजा-अर्चना के बाद भगवान जगन्नाथ को नंदी घोष, देवी सुभद्रा को दर्पदलन और भगवान बलराम को तालध्वज रथ पर विराजित किया गया। सबसे पहले बलराम, फिर सुभद्रा और अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ चल रहा था।

रथ यात्रा में सांस्कृतिक वैभव, जनजातीय नृत्य और पुष्प वर्षा

21 से 25 फीट ऊंचे रथों की इस यात्रा में अहीर, गोंड और कोरकू जनजातियों के पारंपरिक नृत्य, झांकियां, घोड़े, बैलगाड़ियां और भक्तों की भीड़ आकर्षण का केंद्र रही। पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी श्रद्धा से भगवान का रथ खींचते नजर आए। रथ के आगे भक्त सोने की झाड़ू लगाते दिखे। इस दौरान ड्रोन से पुष्पवर्षा की गई।

कालिदास अकादमी में गुंडिचा मंदिर की स्थापना, CM करेंगे आरती

रथ यात्रा मंडी चौराहा से प्रारंभ होकर चामुंडा माता चौराहा, टावर, तीन बत्ती होते हुए कालिदास अकादमी स्थित गुंडिचा मंदिर तक पहुँचेगी। यहां सीएम डॉ. मोहन यादव शाम को आरती कर भगवान का आशीर्वाद लेंगे।

7 दिन तक भगवान का विश्राम, 5 जुलाई को वापसी यात्रा

27 जून से 5 जुलाई तक इस्कॉन मंदिर में विशेष आयोजन चलेंगे, जिसमें आरती, कथा, कीर्तन, प्रसाद वितरण और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। मैथली ठाकुर समेत देशभर के कलाकार प्रस्तुति देंगे। भगवान 7 दिन गुंडिचा मंदिर में विश्राम करेंगे और 5 जुलाई को वापसी यात्रा निकाली जाएगी।

42 शहरों में निकलेगी रथ यात्रा, वैश्विक पहचान बना चुकी परंपरा

2007 में भक्ति चारु स्वामी महाराज द्वारा प्रारंभ की गई इस्कॉन की रथ यात्रा आज वैश्विक परंपरा बन चुकी है। इस वर्ष मध्यप्रदेश के 42 स्थानों पर रथ यात्राएं निकाली जा रही हैं, जो 26 जिलों को कवर करेंगी। उज्जैन में भक्ति प्रेम स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में 34 स्थानों पर रथ यात्राएं निकाली जाएंगी।

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