उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बार फिर जनता और शासन के सीधे संवाद की मिसाल सामने आई है। सोमवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। यह कार्यक्रम शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का स्पष्ट संकेत देता है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रत्येक फरियादी से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश भी दिए। जिन मामलों में तत्काल समाधान संभव था, वहां अधिकारियों को मौके पर ही आवश्यक निर्देश दिए गए। वहीं, कुछ गंभीर मामलों को विभागीय स्तर पर तत्काल निस्तारण के लिए भेजा गया।

इस जनता दर्शन में सबसे अधिक मामले चिकित्सा सहायता से जुड़े थे। कई ऐसे नागरिक पहुंचे, जिन्हें गंभीर बीमारियों का इलाज कराना था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे इलाज नहीं कर पा रहे थे। मुख्यमंत्री ने इन नागरिकों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार इलाज के लिए आवश्यक आर्थिक मदद उपलब्ध कराएगी और किसी भी नागरिक को धन के अभाव में इलाज से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जनता दर्शन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से न सिर्फ आम लोगों को अपनी बात सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का अवसर मिलता है, बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि प्रशासनिक मशीनरी ज़मीनी हकीकत से जुड़ी रहे।

कार्यक्रम में बुजुर्गों, महिलाओं, दिव्यांगों और बच्चों की भागीदारी भी देखने को मिली, जिन्हें मुख्यमंत्री द्वारा विशेष संवेदनशीलता के साथ सुना गया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि इन वर्गों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

जनता दर्शन में शामिल कई लोगों ने कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहने का अवसर मिला और यह अपने आप में बड़ी बात है। उनका विश्वास है कि सरकार उनकी मदद ज़रूर करेगी।

उत्तर प्रदेश में नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे जनता दर्शन कार्यक्रम जनता और सरकार के बीच एक सेतु का कार्य कर रहे हैं। यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस प्रशासनिक मॉडल का हिस्सा है, जिसमें जन-सेवा, पारदर्शिता और जवाबदेही को शासन की मूल भावना के रूप में स्थापित किया गया है।

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