उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक अहम और क्रांतिकारी पहल की है। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे “जीरो पावर्टी अभियान” के तहत अब चिन्हित गरीब परिवारों को कौशल प्रशिक्षण (स्किल ट्रेनिंग) देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य है कि निर्धन परिवारों के युवा सिर्फ मदद के मोहताज न रहें, बल्कि अपने हुनर के दम पर आत्मनिर्भर बन सकें।
इस अभियान के पहले चरण में 300 चिन्हित परिवारों के मुखियाओं को ट्रेनिंग देने की योजना तैयार की गई है। ये ट्रेनिंग पूरी तरह 360 डिग्री फार्मूले पर आधारित होगी, जिसमें तकनीकी दक्षता, व्यक्तिगत विकास, कम्युनिकेशन स्किल्स, और उद्योगों की ज़रूरतों के मुताबिक विशेष तैयारियां कराई जाएंगी।
योजना के अनुसार, प्रशिक्षित युवाओं को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट दिलवाया जाएगा। इनमें होटल ताज ग्रुप, SBI बैंक, एलएंडटी (L&T), और अन्य कॉरपोरेट कंपनियां शामिल हैं। यह न केवल युवाओं के लिए रोज़गार का अवसर है, बल्कि राज्य में गरीबी की चपेट में फंसे हजारों परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला प्रयास है।
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, हर चयनित परिवार के मुखिया को न्यूनतम ₹18,400 मासिक वेतन वाली नौकरी दी जाएगी। इससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी और परिवार के अन्य सदस्यों की शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवनस्तर में भी सुधार आएगा।
सरकार की यह योजना “समावेशी विकास और सामाजिक न्याय” की सोच को आगे बढ़ाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य सिर्फ सहायता देना नहीं है, बल्कि लोगों को ऐसा मंच देना है जिससे वे लंबे समय तक आत्मनिर्भर रह सकें।
‘जीरो पावर्टी अभियान’ के तहत सरकार खासतौर पर शहरी मलिन बस्तियों, ग्रामीण अति-गरीब क्षेत्रों और आर्थिक रूप से बेहद कमजोर वर्ग के परिवारों को प्राथमिकता दे रही है। आने वाले चरणों में इस योजना का विस्तार करते हुए हज़ारों परिवारों को ट्रेनिंग और प्लेसमेंट देने की योजना बनाई गई है।
यह कार्यक्रम राज्य में गरीबी हटाओ अभियान को एक नई दिशा दे रहा है। साथ ही यह साबित करता है कि सरकार सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि धरातल पर वास्तविक परिवर्तन की दिशा में काम कर रही है।
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