पब्लिक फर्स्ट । भोपाल । पुनीत पटेल ।
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए एक नई और साहसिक पहल की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार अब रोजगारपरक उद्योगों में कार्य करने वाले युवाओं को ₹5000 प्रतिमाह की प्रोत्साहन राशि देगी, जिससे वे अपने व्यवसाय और रोजगार में आत्मनिर्भर बन सकें।
घोषणा का उद्देश्य
डॉ. यादव ने कहा —
“हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश का युवा किसी और पर निर्भर न रहे, बल्कि खुद स्वरोजगार और लघु उद्योग के माध्यम से अपने पैरों पर खड़ा हो।”
इस योजना का उद्देश्य न केवल रोजगार को बढ़ावा देना है, बल्कि युवाओं को खुद के व्यवसाय, स्टार्टअप और लघु उद्यमों की ओर प्रेरित करना है।
मुख्य विशेषताएँ (Highlights):
- प्रोत्साहन राशि: ₹5000 प्रति माह
- लाभार्थी: स्वरोजगार/रोजगारपरक गतिविधियों में कार्यरत युवा
- आयु सीमा: 18 से 35 वर्ष तक के युवा
- अवधि: प्रारंभ में अधिकतम 12 माह तक सहायता दी जाएगी
- योग्यता: आईटीआई, कौशल विकास, PMKVY जैसी योजनाओं से प्रशिक्षित युवा या सक्रिय छोटे व्यवसाय में संलग्न युवा
- लाभ आवेदन: संबंधित जिला उद्योग केंद्र (DIC) या एमपी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से
पृष्ठभूमि और सरकार की सोच
डॉ. यादव की यह घोषणा हाल ही में भोपाल में आयोजित ‘रोजगार एवं युवा सशक्तिकरण सम्मेलन’ में की गई। इस पहल को ‘युवा प्रोत्साहन अनुदान योजना’ का हिस्सा माना जा रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की औपचारिक मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण का प्रमुख आधार मानते हुए राज्य सरकार ने ‘विकसित भारत @2047’ के लक्ष्यों के अनुरूप यह योजना तैयार की है।
सीएम डॉ. मोहन यादव के शब्दों में:
“अब युवा सिर्फ नौकरी खोजने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनेंगे। हम उन्हें पूरा साथ देंगे — आर्थिक रूप से भी और नीति के स्तर पर भी।”
योजना का व्यापक लाभ:
- स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं से जुड़ाव
- ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचार और स्थानीय उत्पादों का विस्तार
- रोजगार के साथ-साथ स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
अधिक जानकारी के लिए:
- मध्य प्रदेश उद्योग विभाग पोर्टल: www.investmp.gov.in
- एमपी ऑनलाइन कियोस्क: निकटतम केंद्र पर जाकर आवेदन किया जा सकता है
- युवा हेल्पलाइन: 1800-233-6767
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह घोषणा न केवल राज्य के युवाओं की ऊर्जा और प्रतिभा को दिशा देगी, बल्कि उन्हें स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करेगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में भी उल्लेखनीय सुधार की आशा की जा रही है।
