मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में “पर्यावरण से समन्वय” विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। यह कार्यशाला प्रदेश में हरित और टिकाऊ निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
मुख्य आकर्षण
- स्थान: कार्यक्रम का शुभारंभ रविंद्र भवन, भोपाल में हुआ।
- भागीदारी: प्रदेशभर से लगभग 1,500 अभियंता और विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
- थीम: ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबल डेवलपमेंट।
अभियंताओं के लिए नया विज़न
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा:
“विकास तभी सार्थक है, जब वह प्रकृति के साथ तालमेल में हो। हमारा लक्ष्य है — लोक निर्माण से लोक कल्याण।”
इस कार्यशाला में अभियंताओं को पर्यावरण-अनुकूल निर्माण तकनीक, ग्रीन बिल्डिंग स्टैंडर्ड्स और टिकाऊ ढांचागत विकास के नवीनतम उपायों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
एक्सपो और टेक्निकल सेशंस
रविंद्र भवन परिसर में आयोजित पर्यावरण-अनुकूल निर्माण तकनीकों की प्रदर्शनी में अभियंताओं ने नए उपकरण, सॉफ़्टवेयर और इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स को देखा। इसके बाद हुए तकनीकी सत्र में पर्यावरण विशेषज्ञों, इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स और सरकारी अधिकारियों ने सतत विकास के रोडमैप पर गहन चर्चा की।
कार्यक्रम का उद्देश्य
- अभियंताओं में पर्यावरण-जागरूकता बढ़ाना।
- सस्टेनेबल डेवलपमेंट को सरकारी प्रोजेक्ट्स में प्राथमिकता देना।
- ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को अपनाकर भविष्य के लिए बेहतर प्रदेश बनाना।
संदेश
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि मध्यप्रदेश अब पर्यावरण संरक्षण और विकास को साथ लेकर चलने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। डॉ. यादव के नेतृत्व में यह पहल प्रदेश में हरित क्रांति को नई गति दे सकती है।
