पब्लिक फर्स्ट । रीवा / भोपाल । पुनीत पटेल ।
मप्र के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास में सहायक सिद्ध होगी। संस्कारित शिक्षा ही परोपकार का मार्ग प्रशस्त करती है और भारतीय ज्ञान परंपरा इसके मूल में है।
शुक्ल रीवा स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास कार्यों के साथ-साथ सांस्कृतिक व देशहित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी प्रगति कर रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा के पुनरूत्थान और समग्र विकास के आयाम शामिल किये गये हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत को विश्वगुरु बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
भारतीय ज्ञान परंपरा पर जोर
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी भारतीय ज्ञान परंपरा है, जिसका लाभ रीवा सहित पूरे देश के विद्यार्थी उठा सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि तीन दिवसीय कार्यशाला नैतिक मूल्यों और भारतीय चिंतन पर आधारित शिक्षा को नई दिशा देगी।
संयोजक अतुल कोठारी का वक्तव्य
कार्यक्रम के संयोजक अतुल कोठारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा और पंचकोष सिद्धांत को शामिल किया गया है ताकि विद्यार्थियों का समग्र विकास हो सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल आधार एकाग्रता है और विद्यार्थियों को इसका गहन अध्ययन करना चाहिए।
विश्वविद्यालय के कुलगुरु का विचार
कुलगुरु प्रो. राजेन्द्र कुमार कुड़रिया ने कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास शिक्षा बचाओ अभियान का नेतृत्व कर रहा है और विश्वविद्यालय में पहली बार ऐसा आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर स्मारिका और संकल्प पत्र का भी विमोचन किया गया।
गणमान्यजन की उपस्थिति
कार्यक्रम में विधायक मनगवां इंजीनियर नरेन्द्र प्रजापति, ओम शर्मा, प्रो. सुनील तिवारी, कुल सचिव सुरेन्द्र सिंह परिहार, अजय तिवारी, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, विद्यार्थी और प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
