आगामी गणेशोत्सव को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद, ब्लॉक बेगमगंज द्वारा स्वसहायता समूह कार्यालय में “माटी गणेश-सिद्ध गणेश” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह अभिनव पहल प्रदेश सरकार की उस सोच को आगे बढ़ाती है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक परंपराओं के बीच संतुलन बनाने पर जोर दिया गया है।

कार्यक्रम में सहभागिता

इस अवसर पर जनअभियान परिषद की नवांकुर समिति, ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति, सखी समूह और परामर्शदाताओं की सक्रिय उपस्थिति रही। इसके साथ ही BSW (बैचलर ऑफ सोशल वर्क) और MSW (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) के छात्र-छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण

प्रशिक्षक देवांशु प्रजापति ने विद्यार्थियों को मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमाएं बनाने की कला सिखाई। उन्होंने बताया कि मिट्टी से बनी प्रतिमाएं आसानी से जल में विसर्जित हो जाती हैं और जलस्रोतों को प्रदूषित नहीं करतीं, जबकि प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) की मूर्तियां पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित होती हैं।

छात्रों का उत्साह

कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों—नैना शर्मा, अभिलाषा साहू, सुरेंद्र पंथी, रोशनी साहू सहित अन्य विद्यार्थियों ने मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं बनाकर अपनी सृजनशीलता और कौशल का परिचय दिया। इस दौरान छात्रों ने न केवल प्रतिमाएं बनाईं, बल्कि “हरित गणेशोत्सव” का संदेश भी समाज को दिया।

संदेश और महत्व

इस पहल से न केवल युवा पीढ़ी में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि कौशल विकास के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होगी। माटी गणेश कार्यक्रम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि धार्मिक आस्था और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चल सकते हैं।

publicfirstnews.com

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