जिले के अकोदिया थाना क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिला मुख्यालय स्थित वृद्ध आश्रम में 80 वर्षीय बुजुर्ग शिवाजी राव की इलाज के अभाव में मौत हो गई। इस घटना ने पुलिस की भूमिका और पारिवारिक विवाद पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक की बेटी और नातिन का आरोप
मृतक की बेटी और नातिन ने आरोप लगाया है कि 18 अगस्त की शाम उनके पिता को इंदौर के परदेशीपूरा से जबरन उठाकर अकोदिया लाया गया।
उन्होंने कहा कि—
- “हमारे बीमार पिता को कंधे पर उठाकर गाड़ी में बिठाया गया और थाने ले जाया गया।
- हमारे बार-बार अस्पताल में भर्ती कराने के अनुरोध को भी अनसुना कर दिया गया।”
उनका आरोप है कि मृतक के भाई अशोक राव और उसके बेटे ने जमीन पर कब्जा कर रखा है, जिसका केस कोर्ट में लंबित है। इसी विवाद के चलते अकोदिया थाना पुलिस ने मिलकर बीमार बुजुर्ग को जबरन इंदौर से उठवाया।
इलाज न मिलने से हुई मौत
परिजनों ने बताया कि थाने से शिवाजी राव को शाजापुर वृद्ध आश्रम भेज दिया गया, जहाँ इलाज की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण उनकी हालत बिगड़ गई और अंततः मौत हो गई।
जनसुनवाई में शव लेकर पहुँची परिजन
मृतक की बेटी और नातिन ने पिता का शव लेकर शाजापुर कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में पहुँचकर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोपितों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
- मृतक शिवाजी राव के दोनों बेटे वर्ष 2023 में गुजर चुके थे।
- वे पिछले एक वर्ष से इंदौर में बेटी के साथ रह रहे थे।
- भाई अशोक राव और उसके बेटे पर जमीन हड़पने का आरोप है।
पुलिस पर गंभीर सवाल
इस मामले में अकोदिया थाना पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
- क्यों बीमार बुजुर्ग को अस्पताल न ले जाकर थाने और आश्रम पहुँचाया गया?
- पुलिस ने मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की बजाय विवादित पक्ष के साथ मिलकर कार्रवाई क्यों की?
जांच और कार्रवाई की मांग
मामला अब तूल पकड़ चुका है। परिजनों का कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। कलेक्टर कार्यालय ने शिकायत को दर्ज कर मामले की जांच की बात कही है।
