पब्लिक फर्स्ट। छिंदवाड़ा । विजय ठाकरे ।
छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस द्वारा आयोजित किसान आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। इस आंदोलन में हजारों किसान और कांग्रेस नेता सड़कों पर उतरे और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलन का नेतृत्व कांग्रेस नेताओं जीतू पटवारी, उमंग सिंगार और सांसद नकुलनाथ ने किया।
किसानों ने जिला कलेक्टर कार्यालय तक मार्च निकाला और वहाँ धरना-प्रदर्शन किया। आंदोलन की खास बात यह रही कि जब किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की कोशिश की, तो कलेक्टर मौके पर मौजूद नहीं थे। इससे नाराज किसानों और नेताओं ने विरोध जताने का एक अनोखा तरीका अपनाया – उन्होंने ज्ञापन को एक कुत्ते के गले में फंसाकर जिला प्रशासन को सौंपा। यह प्रतीकात्मक विरोध किसानों के गुस्से और प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।
किसानों की प्रमुख मांगें
- यूरिया और अन्य रासायनिक खाद की कमी तुरंत दूर की जाए।
- फसलों के लिए उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित किया जाए।
- कृषि बीमा योजना के तहत समय पर और सही मुआवजा दिया जाए।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर किसानों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि किसान खाद और बीज की कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कई वरिष्ठ नेता इस आंदोलन के समर्थन में सड़कों पर उतरे। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो प्रदेशभर में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
छिंदवाड़ा का यह आंदोलन अब प्रदेश के किसान संघर्ष का प्रतीक बन गया है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा राजनीति में और गरमा सकता है।
