पब्लिक फर्स्ट। भोपाल । ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विद्युत ऊर्जा का महत्व वायु और जल के समान है। प्रदेश आज न केवल अपनी बिजली की मांग पूरी कर रहा है, बल्कि देश की जरूरतें भी पूरी कर रहा है। सबसे गर्व की बात यह है कि दिल्ली की मेट्रो ट्रेनें मध्यप्रदेश की सौर ऊर्जा से संचालित हो रही हैं।
दिल्ली मेट्रो को रीवा से मिल रही हरित ऊर्जा
रीवा जिले में स्थापित देश की सबसे बड़ी 750 मेगावॉट क्षमता वाली अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना से दिल्ली मेट्रो को करोड़ों यूनिट सौर ऊर्जा सप्लाई की जा रही है।
- वर्तमान में दिल्ली मेट्रो की बिजली खपत का 30-35% हिस्सा रीवा की सौर ऊर्जा से पूरा हो रहा है।
- लक्ष्य है कि वर्ष 2031 तक यह हिस्सा 50% तक पहुंच जाए।
प्रदेश में बढ़ा ऊर्जा उत्पादन
पिछले 11 वर्षों में मध्यप्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
- प्रदेश में अब तक 5,152 मेगावॉट से अधिक क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित की जा चुकी है।
- इसमें पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बायोमास और जल विद्युत शामिल हैं।
- प्रदेश में सौर ऊर्जा में 30% से अधिक की वृद्धि हुई है।
भविष्य की ऊर्जा योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2047 तक प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं होगी।
- प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में लगातार सरप्लस रहेगा।
- हर उपलब्ध संसाधन का पूरा उपयोग कर ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
स्वच्छ और हरित ऊर्जा पर जोर
मध्यप्रदेश में स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है।
- फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स
- रूफटॉप सोलर अभियान
- औद्योगिक क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना
इन प्रयासों से प्रदेश न सिर्फ बिजली का उत्पादन बढ़ा रहा है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में अग्रसर हो रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बयान
“यह गर्व की बात है कि हम न केवल अपने प्रदेश के उद्योगों, किसानों और प्रत्येक प्रदेशवासी की बिजली की जरूरत पूरी कर रहे हैं, बल्कि देश की जरूरतें भी पूरा कर रहे हैं।”
नतीजा
मध्यप्रदेश आज ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। रीवा की सौर ऊर्जा परियोजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जिसने प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर “ऊर्जा के निर्यातक राज्य” की पहचान दिलाई है।
