पब्लिक फर्स्ट। भोपाल । ब्यूरो।

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी के करीबी नेता जीतू पटवारी के एक बयान ने प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। पटवारी ने कहा कि “पूरे देश में सबसे ज्यादा शराब मध्यप्रदेश की महिलाएं पीती हैं”। यह बयान न केवल महिलाओं का अपमान माना जा रहा है, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था पर चोट के रूप में भी देखा जा रहा है।

विवाद का केंद्र

जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए यह टिप्पणी की। लेकिन यह बयान उस समय सामने आया जब देशभर में करोड़ों महिलाएं हरतालिका तीज जैसे पावन व्रत और पर्व श्रद्धा के साथ मना रही थीं। ऐसे मौके पर मातृशक्ति पर कटाक्ष ने विवाद को और भी गहरा कर दिया।

भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया

  • भाजपा नेताओं ने इस बयान को “मातृशक्ति का घोर अपमान” बताया।
  • मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी के प्रिय कृपापात्र जीतू पटवारी द्वारा प्रदेश की मातृशक्ति को शराबी कहकर उन्हें अपमानित करने के शर्मनाक बयान की जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए कम है। आज जब देशभर में करोड़ों बहने सात्विक श्रद्धा से निराहार रहकर हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं, ऐसे पावन दिवस मातृशक्ति के ख़िलाफ़ इस तरह के अभद्र और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना न सिर्फ भारतीय संस्कृति बल्कि करोड़ों महिलाओं की आस्था का भी घोर अपमान है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लाड़ली बहनों को सम्मान पूर्वक आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है, इसलिए चिढ़ी कांग्रेस अब बौखलाई हुई है। मातृशक्ति के ख़िलाफ़ अमर्यादित बयान के लिए जीतू पटवारी महिलाओं से माफ़ी मांगें।
  • भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह आधी आबादी का अपमान है। उन्होंने सोनिया गांधी से मांग की कि वे जीतू पटवारी को समझाएं।
  • भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में महिलाओं को सम्मान और आर्थिक सहयोग मिल रहा है, लेकिन कांग्रेस बौखलाहट में ऐसे बयान दे रही है।

जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

  • सोशल मीडिया पर इस बयान की भारी आलोचना हो रही है।
  • महिलाओं ने खासकर भोपाल, इंदौर और अन्य शहरों में इस बयान पर गंभीर आपत्ति जताई।
  • कई संगठनों ने पटवारी से माफी मांगने की मांग की है।

कांग्रेस पर बढ़ा दबाव

भाजपा ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से सार्वजनिक माफी की मांग की है। वहीं, जनता और महिला संगठनों का कहना है कि यह बयान संवेदनहीन और असम्मानजनक है।

निष्कर्ष

जीतू पटवारी का यह बयान मध्यप्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर चुका है। भाजपा इसे महिलाओं के सम्मान से जोड़कर बड़ा मुद्दा बना रही है, जबकि कांग्रेस के लिए यह बयान अब सियासी संकट में बदलता दिखाई दे रहा है।

publicfirstnews.com

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