HIGHLIGHTS FIRST:
- सारंग ने मदनी को देशद्रोही बताया।
- तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप।
- मदनी पर आतंकवाद संबंधी बयान का आरोप।
- अब्दुल कलाम का उदाहरण, भेदभाव न होने की बात।
- मदनी की जांच की मांग।
भोपाल: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के हालिया बयान पर मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कड़ा रिएक्शन दिया है। सारंग ने कहा कि “मदनी जैसे देशद्रोही देश की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगा सकते। मंत्री सारंग ने विपक्ष पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि आज़ादी के बाद कांग्रेस और विपक्षी दलों ने मुस्लिम परस्ती की राजनीति को बढ़ावा दिया, और अब उसी मानसिकता से प्रेरित नेता संवेदनशील मुद्दों पर भी राजनीति कर रहे हैं।
सारंग ने कहा कि मदनी जो उदाहरण दे रहे हैं, वह सीधे आतंकवाद से जुड़े हुए मामलों से संबंधित हैं, और ऐसे मुद्दों को आधार बनाकर देश के ताने-बाने पर सवाल उठाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसे कई मुस्लिम चेहरे रहे हैं जिनको सम्मान और सर्वोच्च पद मिले हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देश के राष्ट्रपति बने, उनके धर्म या जाति को देखकर भेदभाव नहीं किया गया।”
इसके साथ ही सारंग ने आरोप लगाया कि मदनी अपने राजनीतिक रसूख और लाभ के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं और उनके बयानों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि “मदनी खुद भी आतंकवाद और देशद्रोह से जुड़े मामलों की जांच के दायरे में आने चाहिए।”
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