उज्जैन में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए रेलवे पुलिस द्वारा शुरू की गई नई पहल अब यात्रियों के सफर को और भी सुरक्षित, भरोसेमंद और जागरूक बनाने जा रही है। जीआरपी ने उज्जैन रेलवे स्टेशन पर दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम—‘हमारी सवारी भरोसे वाली’ और ‘पटरी की पाठशाला’—की शुरुआत की है। ये कदम न केवल सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण हैं बल्कि यात्रियों और युवाओं की जागरूकता बढ़ाने का भी प्रभावी माध्यम बनेंगे।
रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा हमेशा से एक बड़ी चिंता का विषय रही है, विशेषकर धार्मिक नगरी उज्जैन जैसे स्थानों पर, जहां रोज़ बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में रेलवे जीआरपी ने सुरक्षा को मजबूत करते हुए दो नई योजनाओं की शुरुआत की है, जो सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
इस कार्यक्रम के तहत रेलवे स्टेशन के आसपास संचालित गैर–आपराधिक बैकग्राउंड वाले ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों को एक विशेष QR कोड दिया गया है।
यात्रियों को मिलने वाले लाभ:
- QR कोड स्कैन करते ही चालक का पूरा रिकॉर्ड, पहचान और पंजीकरण की जानकारी तुरंत उपलब्ध हो जाएगी।
- इससे धोखाधड़ी, लूट या गलत जानकारी के मामलों में कमी आएगी।
- महिलाओं, बुज़ुर्गों और श्रद्धालुओं को मिलेगा पूरी तरह सुरक्षित यात्रा का भरोसा।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस तक पहुँचेगी।
रेलवे पुलिस का कहना है कि यह सिस्टम शहर में यात्रा को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। दूसरी बड़ी पहल ‘पटरी की पाठशाला’ है, जिसके जरिए पुलिस बच्चे और युवाओं को सामाजिक बुराइयों से दूर रहने और बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रही है।
स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने इन पहलों को सराहा है। उनका कहना है कि QR कोड आधारित सुरक्षा व्यवस्था से यात्रा में भरोसा बढ़ा है, जबकि ‘पटरी की पाठशाला’ बच्चों को जीवन की महत्वपूर्ण सीख देकर सकारात्मक बदलाव ला रही है। कई यात्रियों ने बताया कि अब वे बिना किसी डर के ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं, क्योंकि ड्राइवर की पूरी जानकारी सिर्फ एक स्कैन में मिल जाती है।
इन दोनों पहलों से स्पष्ट है कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि समाज को सुरक्षित और जागरूक बनाकर एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही है। उज्जैन जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल के लिए यह कदम सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाएंगे।
PUBLICFIRSTNEWS.COM
