पब्लिक फर्स्ट। क्वेटा
पाकिस्तान में एक हफ्ते में दूसरी बार फौज पर हमला हुआ और इसमें 6 सैनिक मारे गए। यह अटैक बुधवार दोपहर बलूचिस्तान के झोब इलाके में मौजूद फौजी ठिकाने पर हुआ। पांच सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं। इन्हें एयरलिफ्ट करके पेशावर मिलिट्री हॉस्पिटल ले जाया गया है।पाकिस्तान मिलिट्री के मीडिया विंग इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स (ISPR) ने हमले की पुष्टि की है। सात फरवरी को भी बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला हुआ था। इसमें एक मेजर समेत 4 सैनिक मारे गए थे। तब फौज ने इसकी पुष्टि नहीं की थी
आराम कर रहे थे फौजी
- कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि झोब में मौजूद फौजी ठिकाने पर हमला उस वक्त हुआ जब कुछ फौजी शिफ्ट पूरी करने के बाद आराम करने पहुंचे थे। इसी दौरान यहां आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। फौजियों ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकियों को कोई नुकसान नहीं हुआ। फायरिंग के बाद 6 सैनिकों के शव बरामद हुए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह संख्या 4 बताई गई है। 5 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
- फौज के मुताबिक- आतंकियों ने फौजी ठिकाने के चारों तरफ बनी बाउंड्री वॉल के पीछे से फायरिंग की। इस वजह से उन्हें नुकसान नहीं हुआ। दूसरी तरफ, सभी सैनिक एक खुली जगह थे। आतंकियों के पास भारी हथियार थे।
- फौज ने कहा- हमले के बाद वहां एक और यूनिट को भेजा गया है। पूरा इलाका सील कर दिया गया है। यहां हर घर तलाशी भी ली जा रही है। फौज का दावा है कि तीन आतंकी मारे गए हैं, लेकिन लोकल मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सभी आतंकी भागने में कामयाब रहे।
पुलिस ने पहले ही अलर्ट किया था
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक- झोब के पुलिस कमिश्नर ने कुछ दिन पहले फौज को एक खुफिया रिपोर्ट भेजी थी। इसमें फौज को किसी हमले का अलर्ट दिया गया था। कमिश्नर अजीम काकड़ ने कहा- बुधवार के हमले में एक महिला की भी मौत हुई है। वो आतंकियों और फौज के बीच फायरिंग में फंस गई थी।
पुलिस के मुताबिक- जिस वक्त फायरिंग हो रही थी, उस वक्त डेरा इस्माइल खान इलाके से एक पैसेंजर बस भी आ रही थी। यह बस भी फायरिंग की चपेट में आ गई। हम भी पुख्ता तौर पर ये नहीं कह सकते कि कुल कितने आतंकियों ने हमला किया। फौज और पुलिस की कम्बाइंड टीम इसकी जांच कर रही है।
CPEC है निशाने पर
- पाकिस्तानी सेना और सरकार का कहना है कि बलूचिस्तान के विद्रोही नहीं चाहते कि यहां चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी सीपैक का काम पूरा हो। इसके लिए वो लगातार सिक्योरिटी फोर्सेस पर हमला कर रहे हैं। हाल ही में सेना से संबंधित एक रिपोर्ट में बताया गया था कि 2002 में आतंकी हमलों में 56% इजाफा हुआ और यह सरकार और फौज दोनों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।
- बलूच लिबरेशन आर्मी का गठन 1970 के दशक में हुआ था। इसका सबसे खतरनाक माने जाने वाला यूनिट माजिद ब्रिगेड है। ये 2011 में बना। माजिद ब्रिगेड का नाम कराची स्टॉक एक्सचेंज और ग्वादर अटैक में भी आ चुका है।
- अब बलूचिस्तान के विद्रोही और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP हाथ मिला चुके हैं। पाकिस्तान की फौज को अब इन दोनों का मुकाबला करना पड़ रहा है।