पब्लिक फर्स्ट | नई दिल्ली

पाकिस्तान में इंडिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादी और पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। बता दें शाहिद लतीफ आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य था। जिसे पाकिस्तान के सियालकोट की एक मस्जिद के बाहर गोलीयों से भून कर मौत के घाट उतार दिया गया। शाहिद NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में तो था ही साथ ही उस पर UAPA के तहत केस दर्ज है।

जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य

मीडिया रिपोर्ट्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार लतीफ पर कुछ अज्ञात लोगों ने गोलियां बरसाई है। जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी शाहिद तलीफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला का रहने वाला था। जो बढ़ चढ़ कर दहशत और आतंकवाद से जुडी वारदातों में शामिल रहता था। जैश-ए-मोहम्मद ने उसे सियालकोट सेक्टर का कमांडर भी बनाया था। शाहिद को भारत में आतंकवादियों को लॉन्च करने और आतंकवादी हमलों की योजनाएं बनाने जैसी जिम्मेदारियां दी गई थीं।

16 साल भारत की जेल में रह चूका है शाहिद

वर्ष 1994 में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने शाहिद लतीफ को धर दबोचा, जिसके बाद भारत के न्यायालय ने शाहिद को 16 के कारावास की सजा सुनाई थी। पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ ने भारत की जेलों में 16 साल की सजा काटी। जिसके बाद साल 2010 में उसे वाघा बॉर्डर के माध्यम से निर्वासित कर दिया गया था। लेकिन शाहिद लतीफ़ अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और 2 जनवरी, 2016 को जैश के आतंकियों ने पठानकोट में एयरबेस पर हमला कर दिया था।

ऐसे रची गई पठानकोट हमले की साजिश

पंजाब के पठानकोट में 2016 में जो हमला हुआ था, उसमे भारतीय सेना के 7 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद भारतीय सेना ने कार्यवाही करते हुए 36 घंटे एनकाउंटर और तीन दिन तक कॉम्बिंग ऑपरेशन चला था। और कई आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। बता दें इस पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ ही था। शाहिद ने ही चारों जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों को हमले के उद्देश्य से पठानकोट भेजा था। इतना ही नहीं शाहिद पर 1999 में हुए इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक करने के आरोप भी है।

पठानकोट में ही क्यों हुआ आतंकी हमला

जैश-ए-मोहम्मद ने पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन को ही हमले के लिए चुना क्योंकि यह एयरफोर्स स्टेशन बॉर्डर के नजदीक है। और यहां भारतीय सेना के कई बड़े हथियार रखे जाते हैं। युद्ध की स्थिति उत्पन्न होने पर सेना द्वारा पूरी रणनीति को पठानकोट से ही अंजाम दिया जाता है। बता दें 1965 और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में भी पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन ने अहम भूमिका निभाई थी। मिग-21 लड़ाकू विमानों के लिए पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन बेस स्टेशन है।

publicfirstnews.com

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