पब्लिक फर्स्ट | उत्तरकाशी |

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 10 दिन से फंसे 41 मजदूरों का पहला फुटेज सामने आया है। 6 इंच चौड़ी नई पाइपलाइन के जरिए रविवार को एंडोस्कोपिक कैमरा अंदर भेजा गया। इसके जरिए मजदूरों से बातचीत हुई। उनका हालचाल जाना। मजदूरों की गिनती की गई। फिलहाल, सभी मजदूर सुरक्षित हैं। सभी खुश और हंसते नजर आए।

अब दिल्ली से हाईटेक सीसीटीवी मंगाए जा रहे हैं। उनको अंदर भेजकर मजदूरों से सेट करवाया जाएगा, ताकि बाहर मजदूरों की हर एक्टिविटी का पता लग सके। उनकी मदद की जा सके।

सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन में दो अहम सफलता मिली। पहली, 6 इंच चौड़ी नई पाइपलाइन डाली गई। दूसरी, ऑगर मशीन के साथ काम कर रहे मजदूरों को किसी अनहोनी से बचाने के लिए रेस्क्यू टनल बनाई जा चुकी है। मंगलवार दोपहर तक टनल में 3 जगह से ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है।

पहली बार गर्म खाना पहुंचाया

मजदूरों तक खाना पहुंचाने के कुछ नए वीडियो भी सामने आए हैं। एक वीडियो में रेस्क्यू टीम गर्म खिचड़ी बनाकर उन्हें बोतलों में भरती नजर आ रही है। वहीं, एक दूसरे वीडियो में इन बॉटल्स को पाइप के जरिए भेजते हुए देखा जा सकता है।

देखे मजदूरों का पहला VIDEO 👇

उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूर

आज इतने फ्रंट पर काम हो सकता है

  • सिलक्यारा की तरफ से ऑगर मशीन की ड्रिलिंग शुरू हो सकती है।
  • डंडालगांव की ओर से टनल में THDCIL की ड्रिलिंग शुरू हो सकती है। मशीनें पहुंच गई हैं।
  • डंडालगांव की ओर से ही ओएनजीसी की वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो सकती है। सर्वे पूरा हो गया है।
  • आरवीएनल ने सिलक्यारा के पास वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए जमीन में पानी और पत्थरों की जांच कर ली है। मशीनें आज शाम तक पहुंचेगी तो बुधवार से ड्रिलिंग शुरू हो सकती है।

सिलक्यारा टनल में हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी। इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए। रेस्क्यू के दौरान 16 नवंबर को टनल से और पत्थर गिरे जिसकी वजह से मलबा कुल 70 मीटर तक फैला गया।टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। PUBLICFIRSTNEWS.COM

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