भोपाल

MP की 29 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस 28 पर चुनाव लड़ रही है। खजुराहो सीट सपा को समझौते में दी गई है। अब तक 3 बार में कांग्रेस 25 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। 3 सीटों पर कैंडिडेट्स को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। ग्वालियर, मुरैना और खंडवा में कांग्रेस के नामों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।

मुरैना में ठाकुर-पंडित के चक्कर में मामला उलझा

चंबल अंचल की 2 सीटों पर अब तक कांग्रेस कैंडिडेट्स का फैसला नहीं कर पाई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी मुरैना में जौरा विधायक पंकज उपाध्याय को उतारने के पक्ष में हैं। कांग्रेस के कई लीडर पूर्व विधायक नीटू सिकरवार को लड़ाने की पैरवी कर रहे हैं। पटवारी खेमे का तर्क है कि बीजेपी ने ठाकुर उम्मीदवार उतारा है। ऐसे में कांग्रेस का कैंडिडेट्स ब्राह्मण वर्ग से उतारने पर दूसरे समाजों के वोट मिल सकेंगे। वहीं, नीटू के लिए लॉबिंग कर रहे नेताओं का तर्क है कि मुरैना लोकसभा में ठाकुर वोटर निर्णायक हैं।

खंडवा में कोई मजबूत नाम नहीं

कांग्रेस सूत्रों की मानें तो खंडवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस किसी दमदार नाम को लेकर फैसला नहीं कर पाई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को आलाकमान खंडवा से लड़ाने के पक्ष में है, लेकिन वे गुना से लड़ना चाहते थे। अब गुना में राव यादवेन्द्र यादव के उम्मीदवार बनने के बाद खंडवा में अरुण यादव, पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष पूनम पटेल और सुनीता के नामों पर मंथन चल रहा है।

ग्वालियर में भितरघात और विरोध की आशंका

ग्वालियर सीट पर मुरैना के कारण फैसला नहीं हो पा रहा है। मुरैना में यदि जौरा विधायक पंकज उपाध्याय को उतारा जाता है तो ग्वालियर में नीटू सिकरवार को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। नीटू के बडे़ भाई सतीश सिकरवार ग्वालियर से लड़ाने के पक्ष में नहीं हैं। सिकरवार परिवार को भितरघात और विरोध की आशंका है। 

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