मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 2,489 करोड़ 65 लाख रुपए की लागत वाली नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देशीय माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। इस परियोजना से क्षेत्र के कुल 100 ग्रामों की 30,218 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
परियोजना का विवरण एवं लाभ:
• उज्जैन जिले की दो तहसीलों (तराना, घट्टिया) के कुल 83 गांवों की 27,490 हेक्टेयर भूमि
• शाजापुर जिले की तहसील शाजापुर के कुल 17 गांवों की 2,728 हेक्टेयर भूमि
• जल आपूर्ति की व्यवस्था:
• उज्जैन जिले को उद्योग एवं पेयजल हेतु 129.60 एम.एल.डी. जल
• नागदा नगर को उद्योग एवं पेयजल हेतु 129.60 एम.एल.डी. जल
• तराना, घट्टिया एवं गुराडीया गुर्जर को 21.60 एम.एल.डी. जल
• शाजापुर जिले के ग्राम समूह एवं शाजापुर नगर के लिए पेयजल हेतु 43.20 एम.एल.डी. जल तथा मक्सी में उद्योग हेतु 43.20 एम.एल.डी. जल
• पंपिंग व्यवस्था:
• ओंकारेश्वर जलाशय (ग्राम बड़ेल, जिला खंडवा) से भूमिगत पाइप लाइन द्वारा 15 घन मी. प्रति सेकेंड की दर से जल को 435 मीटर ऊंचाई तक भेजा जाएगा।
• कुल 6 पंपिंग स्टेशन एवं 50 पंप मोटर के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस परियोजना के लोकार्पण के दौरान बताया कि यह उद्वहन सिंचाई परियोजना क्षेत्र के किसानों को आधुनिक सिंचाई सुविधाओं से जोड़कर कृषि उत्पादन में वृद्धि करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल सिंचाई के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है, बल्कि इससे उद्योग एवं पेयजल आपूर्ति में भी संतुलन बना रहेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास में तेजी आएगी।
इस बहुउद्देशीय परियोजना के माध्यम से नर्मदा-क्षिप्रा जलसंसाधनों का कुशल उपयोग करते हुए कृषि, उद्योग और पेयजल की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि परियोजना के पूर्ण होने से संबंधित क्षेत्रों के ग्रामीण एवं शहरी विकास में महत्वपूर्ण सुधार होगा और किसानों की आजीविका में मजबूती आएगी।
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