HIGHLIGHTS FIRST :
- राजीव कृष्ण 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश कैडर से आते हैं।
• उन्हें 31 मई 2025 को यूपी का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है।
• वे डीजी विजिलेंस और पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
- अवैध बांग्लादेशियों पर होगी अब तगड़ी
कार्रवाई :
अवैध बांग्लादेशियों की अब खैर नहीं :
1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण, जो BSF में इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर पर ऑपरेशंस के IG रह चुके हैं, अब यूपी पुलिस के नए DGP नियुक्त हुए हैं। BSF में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने सीमा पर घुसपैठ और तस्करी रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।विशेषज्ञों का मानना है कि राजीव कृष्ण के BSF में बांग्लादेश बॉर्डर पर अनुभव के चलते, यूपी पुलिस अब घुसपैठ के मामलों में अधिक प्रभावी और सख्त कार्रवाई कर सकेगी ।
राजीव कृष्णा को अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियो के पूरे नेटवर्क की जानकारी है । ऐसे में उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में इन घुसपैठियों को खदेड़ने का बड़ा अभियान देखने को मिल सकता है । राजीव कृष्णा यूपी के सभी जिलों के एसपी को ये निर्देशित कर सकते हैं कि कैसे इन अवैध घुसपैठियों को चिन्हित करें क्योंकि इनमें से ज़्यादातर लोगों ने वोट बैंक वाले
सियासी संरक्षण की सहायता से अपने फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर लिये हैं । राजीव कृष्णा का ये अनुभव, यूपी में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ ग़ज़ब क़हर बन सकता है ।
आतंक के खिलाफ उनका अनुभव भी यूपी की सीमाओं पर बने आतंकी नेटवर्कों को तोड़ने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है ।
सूत्रों की मानें तो सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी के सभी जिलों से इन अवैध घुसपैठियों के जल्द से जल्द सफ़ाये के मूड में हैं जिन्हें कई सियासी दल अपना वोट बैंक भी बनाये हुए है ।
- शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
• राजीव कृष्ण ने आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री ली है।
• उनका परिवार प्रशासनिक सेवाओं में जाना जाता है—उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह सीनियर आईआरएस अधिकारी हैं।
- पुलिस सेवा में प्रमुख उपलब्धियां :
• उन्होंने बरेली, कानपुर, अलीगढ़, फिरोजाबाद, इटावा, मथुरा, फतेहगढ़, बुलंदशहर, नोएडा, आगरा, लखनऊ और बरेली जैसे जिलों में कप्तान व एएसपी के तौर पर सेवा दी है।
• योगी सरकार में लखनऊ और आगरा के एडीजी जोन रहे।
• यूपी में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (ATS) की स्थापना उन्हीं की अगुवाई में हुई थी।
• बीएसएफ में आईजी ऑपरेशंस के पद पर रहते हुए चार साल तक इंडो-पाक और इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर पर तैनात रहे, जहां उन्होंने सेंसर बेस्ड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम लॉन्च किया।
• जम्मू-कश्मीर में भी आईजी बीएसएफ के रूप में सेवाएं दीं।
- विशेष जिम्मेदारियां और छवि :
• मार्च 2024 में पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक के बाद, राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में दोबारा परीक्षा कराई गई और बिना किसी लापरवाही के सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
• अपराध नियंत्रण, हाईटेक पुलिसिंग, ऑपरेशन पहचान एप, ई-मालखानों, और मुकदमों के ऑनलाइन रिकॉर्ड जैसी पहलों के लिए भी वे जाने जाते हैं।
• उन्हें दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिल चुका है।
क्यों चुना गया डीजीपी ?
• राजीव कृष्ण ने अपने 11 सीनियर आईपीएस अफसरों को पीछे छोड़कर यह पद हासिल किया।
• उनकी साफ-सुथरी छवि, प्रशासनिक क्षमता और बॉर्डर मैनेजमेंट में विशेषज्ञता के कारण उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है।
• बीएसएफ में बांग्लादेश बॉर्डर पर अनुभव होने के चलते, यूपी में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ के मामलों में उनसे सख्त और रणनीतिक कार्रवाई की उम्मीद है।
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