भाजपा ने घोषित किया काला दिवस
भारतीय जनता पार्टी ने 25 जून 2025 को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस दिन को उन्होंने लोकतंत्र और संविधान पर हुए हमले की याद दिलाने के रूप में चिह्नित किया।
उज्जैन में कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन
उज्जैन स्थित भाजपा कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने काले पोशाक और काले गुब्बारे के माध्यम से आपातकाल की काली यादें ताजा कीं। यह विरोध प्रदर्शन सभी जिलों में समन्वित रूप में किया गया।
शिक्षा व केंद्रीय मंत्री ने किया प्रदर्शनी उद्घाटन
प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने आपातकाल से जुड़े दस्तावेजों, तस्वीरों और साक्ष्यों की प्रदर्शनी का अधिकारिक रूप से उद्घाटन किया। इस उद्घाटन से कार्यक्रम को राजनीतिक जनजागरण का स्वरूप मिला।
आपातकाल की यादों को प्रदर्शनी में जीवंत रूप
प्रदर्शनी में 25 जून 1975 से लेकर आपातकाल समाप्ति तक की घटनाओं को चित्र, दस्तावेज़ और साक्षात्कार के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। यह युवा पीढ़ी को वहां हुए लोकतंत्र के क्षरण की जानकारी देने का प्रयास है।
भाजपा नेताओं ने दिया कड़ा संदेश
- इंदर सिंह परमार ने पत्रकारों से कहा कि यह प्रदर्शनी आपातकाल के नागरिक अधिकार हनन की याद दिलाती है।
- सावित्री ठाकुर ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर को कांग्रेस द्वारा बार-बार अपमानित किया गया, और भाजपा संविधान की रक्षा के लिए दृढ़ता से खड़ी है। उन्होंने नई पीढ़ी को उस दौर के “आतंक” के प्रति सचेत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
निष्कर्ष
50 साल बाद भाजपा की यह पहल लोकतंत्र-संविधान के महत्व को उजागर करती है। काला दिवस और प्रदर्शनी के माध्यम से पार्टी ने नए वक्त और आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश दिया कि संचालित योगदान, स्वतंत्रता और न्याय के लिए सजग रहना अनिवार्य है।
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