पब्लिक फर्स्ट। उज्जैन। अमृत बैंडवाल।
उज्जैन के चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर 16 सितंबर 2025 को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। नीमच निवासी यूनिक जैन और उनके पिता ज्ञानचंद जैन अपने ही परिवार के दिवंगत सदस्य लालचंद जैन (जिनका निधन 15 सितंबर 2024 को हो चुका था) के नाम से लकड़ी-कंडे की नई रसीद कटवाने पहुँचे, जबकि उनके पास शव मौजूद नहीं था।
श्मशान घाट के कर्मचारी तरुण खत्री को यह बात संदिग्ध लगी। उन्होंने तुरंत प्रशासन और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुँची और पिता-पुत्र को थाने ले जाकर पूछताछ की।
जांच में सामने आया कि परिवार के पास पिछले साल की मूल रसीद और मृत्यु प्रमाण पत्र गुम हो गए थे। नई रसीद बनवाकर वे जमीन के कागज़ या बैंक से प्रस्तावित राशि निकालने का प्रयास करना चाहते थे।
पुलिस का बयान:
यदि इस नई रसीद का उपयोग किसी गैरकानूनी काम के लिए किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- मृतक लालचंद की मृत्यु 15 सितंबर 2024 को हुई थी।
- 16 सितंबर 2025 को बेटे और पोते ने फर्जी अंतिम संस्कार रसीद कटवाई।
- कर्मचारियों की सतर्कता से मामला उजागर हुआ।
- प्रशासन और पुलिस ने तुरंत एक्शन लेकर जांच शुरू की।
यह मामला प्रशासन और श्मशान घाट ट्रस्ट की सतर्कता का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है, जिससे संभावित धोखाधड़ी समय रहते पकड़ी गई।
