पब्लिक फर्स्ट । भोपाल ।
विधायक शर्मा ने पूछा कैचमेंट में 200 हेक्टेयर कैसे बढ़ गया तालाब ? पीढ़ियों से रह रहे किसान कहाँ जाएंगे ?

ड्राफ्ट रद्द करें मास्टर प्लान से पहले बनाएं ज़ोनल प्लान तब होगा भोपाल का भला – रामेश्वर शर्मा

भोपाल के मास्टर प्लान में गांव, गरीब, किसान मध्यम वर्गीय का लाभ नदारद, उच्च वर्ग को ध्यान में रखकर तैयार हुआ है ड्राफ्ट- रामेश्वर शर्मा

भोपाल के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 को लेकर विधायक रामेश्वर शर्मा ने लिखित आपत्ति दर्ज कराई है विधायक रामेश्वर शर्मा ने प्रसात्वित मास्टर प्लान 2031 को उच्च वर्ग का मास्टर प्लान बताते हुए कहा कि इस गांव, गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के सुनहरे भविष्य को ध्यान में रखकर मास्टर प्लान म ड्राफ्ट तैयार नही किया गया है । इसमें अनेक विसंगतियां है, पुनर्विचार की जरूरत है ।

तालाब का क्षेत्रफल 200 हेक्टेयर कैसे बढ़ा ? पीढ़ियों से बसे ग्रामीण कहाँ जाएंगे ?

मास्टर प्लान 2031 के ड्राफ्ट में केचमेंट को ग्रीन बेल्ट में दर्शाया गया साथ ही तालाब का क्षेत्रफल 200 हेक्टेयर पहले और अधिक दर्शाया गया है यह किस नियम के तहत किया गया इसका आधार क्या ? कैचमेंट क्षेत्र के किसान परिवार जो पीढ़ी से इस क्षेत्र में निवासरत हैं कृषि पर आधारित होकर अपना जीवन यापन कर रहें है उनकी कृषि भूमि को ग्रीन बेल्ट में दर्शाया जाने का निर्णय पर मेरी घोर आपत्ती है । इसमे तत्काल सुधार करने की जरूरत है ।

मास्टर प्लान से पहले जोनल प्लान जरूरी

विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि भोपाल का भौगोलिक संरचना अन्य शहरों की अपेक्षा बिल्कुल अलग है इसलिए जरूरी होगा कि जोन वार मास्टर प्लान बनाया जाए फिर ही भोपाल का मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार हो । किसी एक विशेष क्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार कर लेने से सम्पूर्ण भोपाल का भला होगा ऐसा संभव नही है ।

मास्टर प्लान में गांवों तक जाने की सड़कें 18 मीटर फिर वहां निर्माण अनुमति में बाधा क्यों ? – रामेश्वर शर्मा

विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि गांवों तक पहुंच मार्ग को 18 मीटर तक चौड़ा दर्शाया गया है फिर इन गांवों में अन्य निर्माण एवं व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमति का प्रावधान क्यों नही रखा गया ?

लिखित आपत्ति के मुख्य बिंदु

-भोपाल का भौगोलिक क्षेत्र अन्य शहरों की अपेक्षा बिल्कुल अलग है इसलिए मास्टर प्लान से पहले बनाया जाए भोपाल का जोनल प्लान

-मास्टर प्लान में जहां सेंट्रल पार्क दर्शाया गया है उसपर वन विहार सात महीने पहले ही अपनी आपत्ति व्यक्त कर चुका है जब ऐसा है तो मास्टर प्लान में सेंट्रल पॉर्क को किस आधार पर दर्शाया गया ।

-भौतिक सत्यापन के बिना मास्टर प्लान जारी करना नागरिको एवं भोपाल के साथ अन्याय साबित होगा । प्रस्तावित मास्टर प्लान में कालापानी, बोरदा, सतगड़ी, समसगढ आदि जिस क्षेत्र को सिटी फारेस्ट घोषित किया गया यहां बड़ी आबादी पहले से निवासरत है । जहां शासन द्वारा उन्हें पट्टे भी दिए गए अन्य को भी बहुत जल्द दिए जाने हैं ।

-निवेश क्षेत्र धामनिया खोरी गोल एवं शोभापुर में आद्योगिक क्षेत्र प्रसात्वित किया जाए ।

-ग्राम मुंडला, आमला एवं सरवर के मध्य औद्योगिक क्षेत्र प्रसात्वित किया जाए ।

-कैचमेंट क्षेत्र में 1100 वर्ग फिट क्षेत्र में 2000 वर्ग फिट के निर्माण की अनुमति दी जावे साथ ही कैचमेंट क्षेत्र में फार्म हाउस की भी अनुमति दी जावे ।

-फंदा ब्लॉक के दक्षिण क्षेत्र की ओर विकास योजना में ध्यान नही दिया गया है जिसका पुनः अवलोकन किया जाए ।

-इंदौर से सीहोर मार्ग को व्यावसायिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए ।

-मुख्यमंत्री जी द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा को मास्टर प्लान 2031 में सम्मिलित करें ।

-फंदा के दक्षिण क्षेत्र में हवाई पट्टी प्रसात्वित की जाए ।

-वार्ड क्रमांक 3,4 एवं 5 की अवैध कॉलोनी एवं झुग्गी क्षेत्र को आवसीय घोषित किया जाये ।

-मास्टर प्लान 2031 की दावा आपत्ति सुझाव की अवधि 6 महीने की जाए । publicfirstnews.com

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