पब्लिक फर्स्ट। जयपुर।
जवान करने के कैप्सूल खिलाते; रेप का विरोध करने पर पीटते, 2 भाग निकली, 2 आज भी कैद
लक्ष्मी, पूजा, शांति, नेहा…चार सगी बहनें। भीलवाड़ा की रहने वाली इन बहनों के नाम भले ही बदले हुए हैं, लेकिन इनका दर्द झकझोर देने वाला है। हंसने खेलने की उम्र में घरवालों ने तीन बहनों का बाल विवाह कर दिया। तीनों ने ससुराल जाने से इनकार किया। सोचा जिंदगी भर की परेशानी से बच गईं, लेकिन इन्हें पता नहीं था कि गांव के पंचों और दलालों का बनाया हुआ नर्क इनका इंतजार कर रहा है।
शादी तोड़ने पर ससुराल वालों ने पंचायत बिठाई और गांव के पंचों ने इनके परिवार पर लाखों रुपए का जुर्माना लगा दिया। उस जुर्माने को चुकाने के लिए परिवार ने गोद देने के नाम पर चारों को स्टांप पर बेच दिया गया।
चाराें बहनों का कई सालों तक शोषण हुआ। हर दिन दरिंदगी झेली। शरीर जल्दी विकसित करने के लिए जबरन कैप्सूल खिलाए गए। भागने की कोशिश की तो लक्ष्मी को 15 साल तो शांति को उससे भी कम उम्र में प्रेग्नेंट कर दिया गया। नेहा को उसके बॉयफ्रेंड ने नर्क से आजाद कराया तो लक्ष्मी खुद दलालों के चंगुल से भाग निकलीं। शांति और पूजा आज तक दलालों की कैद में हैं।
अब दलाल परिवार दबाव बना रहे हैं कि लक्ष्मी को उनके हवाले कर दें। दलालों से बचने के लिए पूरे परिवार को दूसरे शहर में छिपकर रहना पड़ रहा है। परिवार ने भीलवाड़ा एसपी के सामने पेश होकर दलालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में धामणिया गांव में रहने वाले हरिराम (बदला हुआ नाम ) के 10 बच्चे हैं। इनमें पांच बेटियां हैं। 3 बेटियों का बाल विवाह कर दिया गया था। शादी के बाद पति की मारपीट से परेशान पूजा (29) जब 12 साल की थी तो ससुराल छोड़कर पिता के घर आ गई। लक्ष्मी(15) महज 10 साल की थी, जब उसकी शादी हुई। वह ससुराल नहीं गई, क्योंकि पति उम्र में काफी बड़ा था। वहीं शांति (25) को उसके पति ने इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि वो उसे पसंद नहीं थी।
शादी तोड़ने की सजा, लाखों रुपए का जुर्माना
लक्ष्मी, पूजा और शांति ससुराल से लौट आईं तो तीनों के ससुराल वालों ने पंचायत बुलाई। पंचों ने लक्ष्मी और शांति की शादी तोड़ने पर 4-4 लाख और पूजा की शादी तोड़ने पर 2 लाख का जुर्माना लगाया। परिवार जुर्माना नहीं भर पाया तो तीनों को दलालों के हाथ बिकवा दिया। सबसे पहले पूजा को साल 2005 में बेचा गया। इसके बाद नेहा को 2007, शांति को 2011 और लक्ष्मी को साल 2018 में बिकवाया गया।
दो बहनें आज भी दलालों की कैद में
पूजा : 11 की उम्र में बाल विवाह, शादी तोड़ने पर 2 लाख का जुर्माना
हरिराम के बेटे मोहन ने बताया कि उसकी बहन पूजा महज 11 साल की थी, जब पिता ने उसका बाल विवाह करवा दिया। उसकी शादी रजवास गांव में हुई थी। पति उससे मारपीट करता था। परेशान होकर 1 साल बाद पूजा ससुराल से भागकर घर आ गई। ससुराल वालों ने पंचायत बैठाई। पंचों ने दो शर्त रखी- या तो पूजा को ससुराल भेजो या 2 लाख रुपए का जुर्माना भरों, वरना समाज से बाहर कर देंगे।
मोहन ने बताया कि मेरे पिता मजदूरी करते थे और काफी समय से बीमार थे। घर का गुजारा ही नहीं चल रहा था। ऐसे में सिर पर 2 लाख का जुर्माना और आ गया। दो महीने गुजर जाने के बाद जब हम 2 लाख नहीं दे पाए तो पंचों ने अपने दलालों को घर भिजवाया। गांव में रहने वाले घुघरियां कंजर, राजू कंजर और नाहरगढ़ में रहने वाली मोहनी देवी हमारे घर आए।
उन्होंने बताया कि पूजा को वो 2 लाख 20 हजार रुपए में बिकवा देंगे। 2 लाख रुपए से आप जुर्माना भर देना और 20 हजार रुपए से परिवार का खर्च चलाने के लिए काम आ जाएंगे। बीमार पिता और पंचों के दबाव के कारण मां ने पूजा को दलालों के हवाले कर दिया।
घरवाले बोले- पता नहीं, जिंदा भी है या नहीं : दलालों ने पूजा को खरीदते समय स्टांप पर सौदा किया था। शर्त रखी थी कि वो साल में एक बार पूजा को राखी पर घर भेजेंगे या घर में किसी की मौत होने पर भेजा जाएगा। सौदा होने के बाद दलाल पूजा को बरवाड़ा ले गए। जहां उन्होंने उसे दूसरे खरीदार किसनी, हेतराम और मुन्नी को बेच दिया। इसके बाद पूजा को मेरठ, मुंबई की मंडियों में भेज दिया गया। मोहन ने बताया कि पूजा पांच साल तक हमारे संपर्क में रही। दलाल साल में एक बार उससे हमारी बात कराते थे। उसके बाद उन्होंने बात कराना बंद कर दिया। हमें तो ये भी नहीं पता कि वो जिंदा भी है या नहीं।