पब्लिक फर्स्ट।भोपाल

भोपाल के रातीबड़ में एक दंपती ने अपने दो बेटों के साथ सुसाइड कर लिया। गुरुवार को दंपती के शव घर में फांसी के फंदे पर लटके मिले। दोनों को जहर देने की आशंका है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें कर्ज का जिक्र है।

रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (38), उनकी पत्नी रितु (35), बेटे ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) ने सुसाइड किया है। भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि उसने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ देर रात सेल्फी कैप्चर की थी। कोल्ड ड्रिंक (माजा) में सल्फास मिलाकर दोनों बच्चों को पिला दिया। इसके बाद भूपेंद्र और उसकी पत्नी रितु, बच्चों के पास ही बैठे रहे। जब उन्हें दोनों बच्चों की मौत होने की पुष्टि हो गई, तो भूपेंद्र ने दो दुपट्‌टे को आपस में बांधकर फंदा बनाया और एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी। नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि भूपेंद्र के घर से छह पैकेट सल्फास के मिले हैं।

पुलिस को इस बात की आंशका

एफएसएल टीम के साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस ने कमरा सील कर दिया. बताया जाता है कि पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला है उसमें कर्जा ज्यादा होने की बात लिखी हुई है. इसलिए पुलिस को भी आशंका है कि परिवार ने यह कदम पैसों की कमी की वजह से ही उठाया होगा. पुलिस का मानना है कि पति-पत्नी ने आत्महत्या का फैसला मरने से बहुत पहले कर लिया था. क्योंकि, बच्चों की लाशें जमीन पर थीं. दोनों ने पहले बच्चों को जहर दिया उसके बाद खुद भी फांसी लगा ली.

इलाके में मचा हड़कंप

पुलिस का कहना है कि एफएसएल और पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की स्थिति स्पष्ट होगी. दूसरी ओर, इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. मौके पर लोगों की भीड़ लग गई है. आस-पड़ोस वालों को यकीन ही नहीं हो रहा कि यह परिवार इस तरह का कदम उठा सकता है. कई लोगों ने लाशें देखीं तो वहीं रो पड़े. इस घटना के बारे में लोग तरह-तरह की बातें भी करते रहे.

अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दी

पंकज विश्वकर्मा ने बताया, भूपेंद्र बड़े पिता के बेटे थे। उनके साथ साइबर क्राइम हुआ है। उनका मोबाइल और कंपनी से मिला लैपटॉप हैक कर लिया गया। मोबाइल में उनके जितने भी कॉन्टैक्ट नंबर थे, उन पर उनके अश्लील वीडियो और फोटो वायरल कर दिए गए थे। धमकी देकर पैसों की डिमांड कर रहे थे। भैया ने 4 से 5 दिन पहले वॉट्सऐप स्टेटस भी डाला था कि मेरे द्वारा ये मैसेज नहीं किया जा रहा है। आप इसे इग्नोर करें।

दो तीन दिन पहले हमारी बात हुई। वे परेशान हो चुके थे। उनसे 17 लाख की डिमांड की गई। कहते थे कि इतने पैसे कहा से दूंगा। भैया ने बताया था कि उनके तीनों बैंक अकाउंट खाली कर दिए। पूरा पैसा निकाल लिया। 7-8 जुलाई को साइबर सेल में शिकायत करने गए थे। साइबर सेल की ओर से उनका सिम और मोबाइल भी शायद एक्सचेंज करा दिया गया था।

चाची बोली-बहू ने बताया था 17 लाख रु. मांग रहे

भूपेंद्र की चाची लीला विश्वकर्मा ने बताया, किसी को कुछ पता नहीं था। कल बहू ने मुझे बताया था कि कोई 17 लाख रुपए मांग रहा है। कह रहा है नहीं दिए तो घर बर्बाद कर देंगे। बहुत खुशहाल परिवार था। बड़ा बेटा ऋतुराज नीलबड़ स्थित शारदा विद्या मंदिर स्कूल में कक्षा तीसरी में पढ़ता था। छोटा बेटा ऋषिराज की स्कूलिंग अभी शुरू नहीं हुई थी।

सुबह 4 बजे भतीजी को वाट्सएप पर भेजा सुसाइड नोट

भूपेंद्र विश्वकर्मा ने गुरुवार तड़के 4 बजे अपनी भतीजी रिंकी विश्वकर्मा को वॉट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा था। साथ ही पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भी भेजी। इस फोटो का कैप्शन लिखा- यह मेरी आखिरी फोटो है। आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे। इन फोटो और सुसाइड नोट को रिंकी ने सुबह 6 बजे देखा और परिजनों को सूचना दी। रिंकी, मंडीदीप स्थित एक धागा फैक्टरी में काम करती है।

मेरी एक गलती की वजह से सभी परेशान हो गए…

समझ में नहीं आ रहा क्या करें और क्या न करें, नहीं पता हमारे इतनी सी छोटी सी प्यारी सी फेमिली को किसकी नजर लग गई है। हमारे परिवार के लोगों से हम सबसे हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं। हमसे जुड़े सभी लोग मेरे कारण काफी ज्यादा परेशान हो गए। मेरी एक गलती की वजह से।

हम अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जी रहे थे, लेकिन अप्रैल के माह में मुझे मेरे फोन पर एक ऑनलाइन काम से वॉट्सऐप पर मैसेज आया। फिर टेलीग्राम पर पुन: ऑफर आया। थोड़े से पैसे एक्स्ट्रा के चलते में और जरूरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए एग्री हो गया। जिसके लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था, तो मैंने शुरू कर दिया। जिसमें मुझे शुरू में थोड़ा फायदा तो हुआपर धीरे-धीरे एक दलदल में धसने लगा और थोड़ा सा भी समय मिलता तो मैं उस काम को करने लगता था, लेकिन काम का लोड इतना ज्यादा हुआ कि मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया। इन पैसों का उपयोग भी घर पर नहीं कर पाया था। उसके पहले ही मुझ पर काम का दबाव ज्यादा आने लगा। जब मेरे पास पूरे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन और अग्रीमेंट का कहने लगे। मैंने मना किया, क्योंकि मेरा सिबिल खराब था। कंपनी वालों के कहने पर ट्राय किया तो तुरंत लोन मिलता चला गया जो कि कंपनी में पानी की तरह लगाता रहा।

इस काम को शुरू करने के पहले मैंने वेबसाइट चेक करी थी जो कि ई-कॉमर्स बेस्ड कंपनी है। एस पर टीआरपी के लिए काम करवाती है। www.csyonllem.com जो कि 2022 आफ्टर कोविड स्टार्ट कर दिया था, जो कि कोलंबिया की थी, इसके चलते मैंने शुरू कर परंतु पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि हमारे पास कोई रास्ता नजर नहीं आएगा।

ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा अब थोड़ा सा और, इसके बाद पैसे मिलते ही मैं सब का लोन क्लियर कर ये सब छोड़ दूंगा। लेकिन, मैं समझ नहीं पाया कि इतना सब कुछ हो जाएगा। मुझ पर ऑनलाइन जॉब वालों ने लोन का कर्ज इतना कर दिया कि मैं खुद भी हैरान होता चला गया। मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है।

इसकी समस्त जानकारी देने साइबर क्राइम ऑफिस गया, पर वहां पर अधिकारी न होने के कारण और अवकाश के चलते टल गया।आज नौकरी भी जाने की नौबत आ गई है। मुझे अपना भविष्य और मेरे परिवार का भविष्य नहीं दिखाई दे रहा। मैं अब किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं हूं। मैं अपने परिवार से कैसे नजर मिला पाऊंगा।मैं बस यही कहता हूं कि अपनी अम्मा जी, बाबूजी, पापा जी, मम्मी जी, भईया-भाभी, मेरी प्यारी बहनों, मेरी प्यारी सी बेटी, मैं तुम सबके सामने कैसे आऊं, नजर कैसे मिलाऊं, सबसे ज्यादा अब इस बात का डर है।कहीं भविष्य में मेरी बेटी की शादी में कोई परेशानी न आए, इसलिए मैं और वाइफ विद स्मॉल फैमिली, रिशु, किशु किसी को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता। इसीलिए उन्हें भी मैं अपने साथ ले जा रहा हूं। सबसे पुन: माफी मांगता हूं।

(जैसा भूपेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा।)

publicfirstnews.com

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