पब्लिक फर्स्ट। भोपाल।
मप्र के इंदौर और भोपाल शहरो में जल्द ही मैट्रो ट्रेन दौड़ती नज़र आएगी। उससे पहले, इन मैट्रो ट्रेन के कोच का अनावरण किया गया। आईए आपको बताते है, पब्लिक के लिये ये मैट्रो कोच क्यों है ख़ास।
भोपाल और इंदौर मैट्रो की विशेषताएं
- ऑटोमैटिक डोर, स्टार्ट-स्टॉप और इमर्जेंसी हैंडलिंग (अन अटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन)
- सायबर अटैक व हैकिंग से सुरक्षित
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटोमैटिक ऑब्सटेकल व डिरेलमेंट डिटेक्शन
- कोच में 50 यात्रियों के बैठने और 300 के खड़े होने की क्षमता
- हर दो मिनिट में आने-जाने की फ्रीक्वेंसी
- ब्रैक के साथ ऊर्जा री-जनरेशन तकनीक से ऊर्जा की बचत
- कोच में होगी जर्म कंट्रोल और एयर-फिल्ट्रेशन की तकनीक, हमेशा स्वच्छ रहेगी वायु
- कोच में लगे CCTV होंगे AI तकनीक से संचालित
- ऑटोमैटिक ऑब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन (कैमरे करेंगे चेहरों की पहचान)
- ऑटोमैटिक व स्मार्ट प्रकाश नियंत्रण व्यवस्था
- हाइलेवल पैसेंजर सेफ्टी (HL3 Stansard)
- दिव्यांगों के लिए विशेष व्हील चेयर्स व उनके अनुकूल बैठने का स्थान नियत
- कोच मैंटीनेंस की 15 साल की सेवा गारंटी
भोपाल और इंदौर मेट्रो की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएँ
- टेक्शन और पावर सप्लाई –
- शहर की सुंदरता बनाए रखने हेतु तार के जालों से मुक्त विश्वसनीय विद्युतीकरण प्रणाली 750 वॉल्ट डीसी थर्ड रेल।
- 132 केवी विद्युत आपूर्ति भूमिगत केबल नेटवर्क मप्र में पहली बार
- बेहतर मानव सेफ्टी के लिए मोटर चालित शॉर्ट सर्किट डिवाइस
- आपातकालीन यात्री निकासी के लिए थर्ड रेल पावर का स्वचालित स्विच
- छत के ऊपर सौर पैनल।
स्टेशन
- ऊर्जा बचत हेतु स्वचालित प्रकाश नियंत्रण के साथ स्मार्ट प्रकाश व्यवस्था ।
- यात्री सुरक्षा के लिए अग्निशमन प्रणाली की व्यवस्था ।
- यात्री सुरक्षा के लिए स्टेशन प्लेटफार्म पर आपातकालीन पावर स्विच ऑफ सिस्टम
- ऊर्जा कुशल एयर कन्डिशनिंग
- ईवी चार्जिंग से युक्त स्टेशनों के साथ दोपहिया पार्किंग की व्यवस्था
- यात्रियों के लिए स्टेशन के सार्वजनिक क्षेत्र में मोबाइल चार्जिंग पॉइंट की सुविधा उपलब्ध होगी।
- कम धुआं उत्पन्न करने वाले शून्य हेलोजन केबल
सिग्रलिंग और टेलीकॉम
- कुशल परिचालन क्षमताओं एवं समय की बचत हेतु उन्नत CBTC तकनीक एवं स्वचालित समय सारिणी विनियमन (एटीआर) प्रणाली।
- सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए परिचालन प्रौद्योगिकी (ओटी) साइबर सुरक्षा ।
- मेनलाइन संचालन के साथ बेहतर एकीकरण के लिए सीबीटीसी क्षमता वाले उन्नत डिपो संचालन।
- सुचारू और सुरक्षित चालक रहित ट्रेन संचालन के लिए घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली (आईडीएमएस)
- यात्रियों को समय पर सूचना प्रदान करने हेतु उच्च तकनीक वाली फाइबर ऑप्टिक ट्रांसमिशन सिस्टम ।
लिफ्ट और एस्केलेटर
- भोपाल और इंदौर मेट्रो सेवाओं में लिफ्ट और एस्केलेटर दिव्यांग लोगों सहित सभी यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- भोपाल और इंदौर मेट्रो स्टेशनों में लिफ्ट ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल तक और कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल तक बाधा रहित पहुंच प्रदान करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि दिव्यांग या सीमित गतिशीलता वाले व्यक्ति शारीरिक रूप से कील चेयर के साथ यात्रा करने की सुविधा के साथ निर्वाध रूप से यात्रा कर सकें।
- दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट कार और लैंडिंग के अंदर ब्रेल बटन की सुविधा, दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए जमीनी स्तर से प्लैटफॉर्म स्तर तक जुड़े लिफ्ट के प्रवेश द्वारों पर स्पर्शनीय फर्श और बधिर व्यक्तियों के लिए लैंडिंग प्रवेश द्वार और लिफ्ट के अंदर एक झंकार के साथ घंटियों की सुविधा ।
- यात्रा के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की आसानी के लिए सभी लिफ्टों में स्टेशन नियंत्रण कक्ष से जुड़ी लिफ्ट के अंदर ऑटो कॉल सुविधा, इंटरकॉम और अलार्म की सुविधाएं दी जा रही है।
- लिफ्ट को फायर अलार्म सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है और आग लगने की स्थिति में लिफ्ट में निकासी लैंडिंग पर पहुंचने की सुविधा होगी।
- स्टेशनों पर सभी लिफ्ट को सभी आवश्यक आपातकालीन निकासी साइनेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- प्रवेश और निकास द्वार से दोनों प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के लिए एस्केलेटर दिए जाएंगे।
- भोपाल और इंदोर मेट्रो में आधुनिक एस्केलेटर ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के साथ डिजाइन किए गए है, जिनमें कम यात्री यातायात के दौरान गति नियंत्रण प्रणाली और स्टैंडबाय मोड शामिल हैं। ये ऊर्जा खपत को कम करने में योगदान करते हैं।
अधिकतम यात्री क्षमता-
- दिसम्बर 2026 में परियोजना के वर्तमान स्वीकृत चरण के पूर्ण होने पर दोनो भोपाल एवं इंदौर शहर में प्रतिदिन 7 लाख से अधिक यात्री उधगम स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक सुविधाजनक रूप एवं कम समय में यात्रा कर सकेंगे।
