पब्लिक फर्स्ट I बिहार ।
नितीश कुमार के महिलाओं पर दिए अभद्र बयान के बाद एक ओर जहाँ न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में बवाल मचा हुआ है।तो वहीं देश की महिलाओं से माफी मांगने के बाद अब बिहार की नीतीश सरकार ने आज विधानसभा में आरक्षण का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया। जिसने फिर राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। दरअसल नीतीश सरकार के इस बिल में पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को कुल 75 फीसदी आरक्षण मिलने का प्रावधान है।
क्या है 75% आरक्षण बिल के मायने ?
#WATCH | Patna: On former Bihar CM Jitan Ram Manjhi, Bihar CM Nitish Kumar says, "..It was my mistake that I made this person CM…My party people started saying after two months that there was some problem, remove him… Then I became (CM)… He keeps on saying that he was CM…… pic.twitter.com/PHKlG3xAog
— ANI (@ANI) November 9, 2023
पास हुआ 75% आरक्षण बिल
आपको बताते चलें की बिहार में वर्तमान समय में इन सभी वर्गों को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाता है। लेकिन लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पेश की और उसके बाद राज्य में 65% आरक्षण करने का ऐलान किया था। साथ ही EWS को 10% का आरक्षण अलग रहेगा। लेकिन, अगर नीतीश सरकार का प्रस्ताव पास हो जाता है तो आरक्षण की 50% की सीमा टूट जाएगी। इसमें OBC-EBC की 43 फीसदी हिस्सेदारी होगी।