पब्लिक फर्स्ट । गुना। (संवाददाता, नंदकिशोर कुशवाह)

गुना-आरोन मार्ग पर उस वक्त एक बड़ा हादसा सामने आया, जब 29 यात्रियों से भरी बस सामने से आ रहे डम्पर से टकरा गई। घटना के बाद यात्रियों से खचाखच भरी बस में आग लग गई और नतीजतन 13 यात्री बस के भीतर ही कोयले में तब्दील हो गए। इस हादसे में 16 लोगों के घायल होने की खबर है, जिनका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। इस भीषण हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अफसोस जाहिर किया है और जिला प्रशासन को घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
दरअसल गुना से सवारियां लेकर आरोन जा रही सिकरवार ट्रेवल्स की बस बुधवार देर शाम करीब 8 बजे दुनाई गांव के समीप सामने से आ रहे डम्पर से टकरा गई। इस घटना के बाद बस में आग लग गई और देखते ही देखते पूरी बस आग की लपटों से घिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस में लगी आग इतनी भीषण थी कि पीछे बैठे यात्रियों को नीचे उतरने का मौका ही नहीं मिला और 13 यात्री बस के भीतर की कोयले में तब्दील हो गए।

मृतकों की शिनाख्त नहीं

इस हादसे की सबसे भयावह स्थिति उस वक्त बनी जब जिंदा जले मृतकों में से किसी एक भी शिनाख्त नहीं हो सकी। हालांकि कलेक्टर तरुण राठी ने रात 10 बजे 11 लोगों के मरने की पुष्टि की, लेकिन रात होते-होते 13 लोगों के शव जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम में पहुंच चुके थे।

समय से नहीं पहुंची दमकल

सूत्रों के मुताबिक घटना की जानकारी समय रहते ही जिला प्रशासन के पास पहुंच गई थी, लेकिन इसके बाद भी तकरीबन एक घंटे तक दमकल वाहन मौके पर नहीं पहुंच सका। इस देरी की वजह जानने के लिए जब कलेक्टर तरुण राठी से बात की गई तो उनका कहना था कि घटनास्थल शहर से दूरी पर था, लिहाजा समय रहते फायर बिग्रेड मौके पर नहीं पहुंच सकी।

बीजेपी नेता की थी बस

जिस बस में 13 लोगों की मौत हुई वह बीजेपी नेता की बताई जा रही है। हालांकि सीएम के निर्देश मिलते ही हरकत में आए प्रशासन ने बस का परमिट, फिटनेस एवं बीमा की स्थिति को जानने की कोशिश शुरू कर दी है।

शवो में अपनों की तलाश जारी

घटना की अगली सुबह जिला अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल था। लोग कभी घायलों में तो कभी लाशों में अपनों को तलाशते रहे। सुबह तक किसी भी मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी, लिहाजा प्रशासन ने सभी शवों की डीएनए जांच कराने के निर्देश दिए हैं। PUBLICFIRSTNEWS.COM

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