भोपाल: 31 अगस्त 2024
पहले से स्वीकृत उच्चतर वेतनमान के अंतर्गत वित्तीय लाभ वापस नहीं लिए जाएंगे
इसके लिए 22 वर्ष बाद 2002 के क्रमोन्नति संबंधी निर्देश में संशोधन किया गया है।
मप्र में अब क्रमोन्नति के स्थान पर समयमान वेतनमान की व्यवस्था लागू हो चुकी है
प्रदेश में जिन कर्मचारियों को पद नहीं होने या अन्य कारण से पात्र होने के बाद भी पदोन्नति नहीं मिल पाती है, उन्हें क्रमोन्नति के माध्यम से उच्चतर वेतनमान का लाभ दिया जाता है। कई बार पारिवारिक परिस्थिति या अन्य कारण से कर्मचारी पदोन्नति लेने से इन्कार कर देते हैं। ऐसे कर्मचारियों को अब सरकार उच्चतर वेतनमान का लाभ नहीं देगी। इसके लिए 22 वर्ष बाद 2002 के क्रमोन्नति संबंधी निर्देश में संशोधन किया गया है। हालांकि, अब क्रमोन्नति के स्थान पर समयमान वेतनमान की व्यवस्था लागू हो चुकी है। प्रदेश में पदोन्नति नियम 2002 के साथ क्रमोन्नति के निर्देश भी जारी किए गए थे।