लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक बार फिर चुनाव ने दस्तक दे दी है मौसम मे हल्की ठंड के साथ प्रदेश का सियासी पारा गर्म गया है, बीते मंगलवार को जब मुख्य चुनाव आयुक्त ने महाराष्ट्र और झारखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के 10 में से 9 विधानसभा के तारीख की घोषणा की उसके बाद से राजनीतिक दल अपने सियासी तीर से चुनावी निशाना साधने की जुगत मे लग गए हैं
समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में मिली जीत सेवा सहित है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी अपनी खोई हुई जमीन को हासिल करने के लिए कोई भी कोर्ट का असर छोड़ने को तैयार नहीं है
दिल्ली से लेकर लखनऊ तक हुई मैराथन बैठक के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने चक्रव्यूह की रचना कर दी है इसमें सरकार और संगठन के कांबिनेशन से सपा के मसूबे को ध्वस्त करने की तैयारी मे हैं
विधानसभा उपचुनाव के लिए पूरी सरकार और पदाधिकारी 13 नवंबर तक 9 जिलों में डेरा जमाएंगे, जिसके तहत 30 मंत्रियों को नामांकन से लेकर मतगणना तक जिले में रहने और बूथ प्रबंधन से लेकर प्रचार प्रसार तक का सारा जिम्मा इन मंत्रियों को दिया जायेगा
संगठन प्रदेश स्तर के पदाधिकारी को भी चुनावी प्रबंधन में लगाया जाएगा इसके साथ-साथ एनडीए के सभी सहयोगी दलों के नेताओं को भी चुनाव में सक्रिय रूप से शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं ।
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