उत्तरप्रदेश में अब विश्व की जानी-मानी यूनिवर्सिटी के कैंपस खुलने का रास्ता साफ हो गया है। ऑक्सफोर्ड और मॉस्को यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों ने कुछ महीने पहले कैंपस के लिए सरकार से संपर्क किया था, लेकिन तब एक्ट इसकी परमिशन नहीं थी। इसलिए मंजूरी नहीं मिली थी।

अब एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को विधानसभा से मंजूरी मिल गई है। योगी सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (सातवां संशोधन) अधिनियम पारित कराया है। इस अधिनियम के बाद अब दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड शिक्षण संस्थान भी यूपी में विश्वविद्यालय स्थापित कर सकेंगे। अभी तक केवल यूपी में पंजीकृत संस्थानों को ही यूपी में विश्वविद्यालय स्थापित करने की अनुमति मिलती थी।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अब दोनों विश्वविद्यालयों से संपर्क कर उन्हें यूपी में कैंपस खोलने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। वर्तमान में महाराष्ट्र और कर्नाटक में ही विदेशी शिक्षण संस्थानों के कैंपस स्थापित हैं। अब यूपी में भी स्थापित होंगे।दूसरे प्रदेशों में रजिस्टर्ड शिक्षण संस्थानों को यूपी में विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए यूजीसी से अनुमति लेनी होगी। अगर संस्थान यूजीसी के मानक पर खरा उतरेगा तो ही अनुमति दी जाएगी। यूपी में अब दक्षिण के विश्वविद्यालय आने लगे हैं। कर्नाटक की जेएसएस यूनिवर्सिटी नोएडा में अपना विश्वविद्यालय  स्थापित कर रही है। वहीं चंड़ीगढ़ विश्वविद्यालय ने भी उन्नाव में यूनिवर्सिटी स्थापित की है।

बता दें कि उत्तरप्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के 19 राज्य विश्वविद्यालय हैं और एक मुक्त विश्वविद्यालय है, जबकि 30 निजी विश्वविद्यालय हैं। प्रदेश में 60 फीसदी युवा आबादी है। यूपी के नौजवानों को अभी स्किल बेस्ड या प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए दूसरे राज्यों में या विदेश जाना पड़ता है। यूपी में विश्व के बड़े उच्च शिक्षण संस्थान के कैंपस स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को मदद मिलेगी और होनहार छात्रों का पलायन भी बंद होगा।

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