मप्र के आदिवासी बहुल शहडोल जिले में रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव आयोजित करने के पीछे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बड़ा लक्ष्य है । आईए आपको बताते हैं क्यों महत्वपूर्ण है ये कॉन्कलेव और शहडोल में औद्योगिक क्षेत्र के लिये कितनी संभावनाएं है ।
प्रमुख बिंदु:
- औद्योगिक संभावनाओं पर जोर:
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहडोल का औद्योगिक क्षेत्र अपार संभावनाओं से भरपूर है, और यहां के विकास के लिए सहयोग और साझेदारी की आवश्यकता है। - उद्योगों को बढ़ावा देने का संकल्प:
कांक्लेव का उद्देश्य क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा देना और निवेशकों को प्रोत्साहित करना है। - भागीदारों की संख्या:
इस कांक्लेव में 4,000 से अधिक प्रतिभागी और 2,000 से अधिक उद्योगपति शामिल हुए हैं, जो इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास में सक्रिय रूप से योगदान देंगे। - औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमि-पूजन:
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 28 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। इन इकाइयों में 570 करोड़ रुपये का निवेश और 2,600 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। - वृहद निवेश की संभावनाएं:
कांक्लेव में टोरेंट पॉवर द्वारा 1,600 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट के लिए 18,000 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। - वन-टू-वन चर्चा:
मुख्यमंत्री ने देश के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की, ताकि शहडोल के विकास के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। - सेक्टरल सत्रों का आयोजन:
निवेशकों के साथ 3 सेक्टोरल सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें विभिन्न उद्योग क्षेत्रों की निवेश संभावनाओं पर चर्चा की गई।
शहडोल के लिए एक सुनहरा भविष्य:
इस कांक्लेव के माध्यम से शहडोल में औद्योगिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी और इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में यह कांक्लेव शहडोल और मध्य प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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