उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 15573 करोड़ रुपये की लागत से नई हाईवे परियोजनाएं शुरू करने जा रही है , जिससे कानपुर, बाराबंकी, बरेली, आगरा और अन्य जिलों में यात्रा में आसानी होगी। इन परियोजनाओं से सड़क नेटवर्क में सुधार होगा और लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी की योजनाओं को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। लगातार एक्सप्रेसवे के निर्माण के जरिए हाईस्पीड कनेक्टिविटी से प्रदेश के विभिन्न इलाकों को जोड़ा जा रहा है। केंद्रीय पथ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की ओर से पिछले दिनों कई परियोजनाओं पर हरी झंडी दी गई। सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को लेकर विशेष निर्देश जारी है। अब इन नई परियोजनाओं के जरिए कानपुर, बाराबंकी, बहराइच, अलीगढ़, आगरा, मथुरा और बरेली समेत कई जिलों की राह आसान होगी।

यूपी में सड़क निर्माण की 9 नई परियोजनाओं पर काम शुरू किया जाना है। इनमें से चार परियोजनाओं की फाइनांसियल बिड खुल चुकी है। वहीं, पांच परियोजनाओं के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। एनएचएआई सूत्रों के अनुसार, बरेली के 4-6 लेन दक्षिणी बाईपास के लिए डीपीआर तैयार हो रहा है। इसकी लंबाई 30 किलोमीटर होगी। इसकी अनुमानित लागत 2000 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही एनएच-93 के आगरा-अलीगढ़ रोड के पैकेज वन भी काम शुरू होगा।

  • बरेली शहर के दक्षिणी भाग में बाइपास निर्माण की योजना बनाई गई है। 30 किलोमीटर लंबे इस बाइपास निर्माण को लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। यह परियोजना 2000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी। पहले यह बाइपास 4 लेन की बनाई जाएगी। बाद में इसे 6 लेन के सड़क में विकसित किया जाएगा। इसकी डीपीआर तैयार हो रही है।
  • कबरई-कानपुर रोड को फोरलेन में विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इस परियोजना की डीपीआर अंतिम चरण में है। इस सड़क के निर्माण पर 3900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
  • बाराबंकी से जरवल के बीच सड़क निर्माण की योजना को मंजूरी दी गई है। 35.7 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के निर्माण पर लागत 1550 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है। इस परियोजपा के डीपीआर पर काम जारी है।
  • बाराबंकी-जरवल पैकेज-2 प्रोजेक्ट में घाघरा नदी पर फोरलेन ब्रिज और रेलवे उपरिगामी सेतु का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 7.3 किलोमीटर लंबा फोरलेन ब्रिज और रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शामिल है। इसकी लागत 750 करोड़ रुपये होगी।
  • जरवल से बहराइच के बीच 58.4 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए डीपीआर तैयार हो रही है। इसकी लागत 2050 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके निर्माण से दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी। बिजनेस एरिया विकसित हो सकेगा।
  • गोरखपुर- पिपराइच मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए संशोधित एस्टीमेट को मंजूरी दे दी गई है। यह सड़क 19.485 किमी लंबी होगी। इस सड़क के निर्माण से गोरखपुर जिले के यातायात की स्थिति में सुधार होगा।

इन परियोजनाओं की पूरी हुई बिड

  • यूपी की चार परियोजनाओं पर अब काम जल्द ही शुरू हो सकता है। 5324 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली परिजनाओं को शुरू कराने के लिए विशेष रूप से कार्ययोजना तैयार की गई है। इन परियोजनाओं का फाइनांसियल बिड खुल चुका है। कानपुर रिंग रोड फेज-2 और मथुरा-हाथरस-बदायूं-बरेली फोरलेन (पैकेज-4) के लिए वित्तीय बिड खुल चुकी हैं।
  • इनके साथ-साथ एनएच-93 के आगरा-अलीगढ़ के 28 किलोमीटर लंबे पैकेज-1 और इसी हाईवे के 36.9 किलोमीटर लंबे पैकेज-2 के लिए भी वित्तीय बिड की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन सड़क निर्माण परियोजनाओं के पूरा होने से प्रदेश में विकास की नई धारा बहेगी।

इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल यूपी के विभिन्न जिलों के बीच यात्रा सुगम होगी। साथ ही, क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। खासतौर पर बाराबंकी, मथुरा, बरेली और आगरा जैसे शहरों में यातायात में सुधार और समय की बचत होगी। एनएचएआई और राज्य सरकार इन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की योजना बना रही है। इससे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक, व्यापारिक और कृषि क्षेत्रों को बड़ा फायदा होगा।

उत्तर प्रदेश में आगरा बाईपास के निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। आगरा इनर रिंग रोड और आगरा बाईपास (एनच-2) का निर्माण कार्य आगामी 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा हरदोई बाईपास का निर्माण कार्य भी जुलाई 2025 तक समाप्त हो जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों के यातायात में सुधार होगा।

उत्तर प्रदेश में बनने वाली ये हाईवे परियोजनाएं प्रदेश की सड़क यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली हैं। इन परियोजनाओं से न केवल सड़क नेटवर्क में सुधार होगा, बल्कि विकास की गति भी तेज होगी। इससे व्यापार, पर्यटन और राज्य की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस बड़े निवेश से न केवल राज्यवासियों को यात्रा में सुविधा मिलेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के विकास को भी एक नई दिशा मिलेगी।

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