पब्लिक फर्स्ट । भोपाल । पुनीत पटेल ।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उस महत्वपूर्ण बयान की, जिसमें उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में हुए निवेशों को प्रदेश की हरित और श्वेत क्रांति के लिए मील का पत्थर बताया है।
“जीआईएस में हुए निवेश संगम से तेज होगी हरित और श्वेत क्रांति, देश का ‘फूड बास्केट’ बनेगा मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव”
• मध्यप्रदेश की समृद्ध कृषि परंपरा और सतत विकास की नीति वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
• ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव।
• प्रदेश की हरित और श्वेत क्रांति के लिए यह निवेश मील का पत्थर साबित होगा।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को वैश्विक ‘फूड बास्केट’ बनाने के संकल्प में मध्यप्रदेश की अहम भूमिका।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पहले ही देश का सबसे बड़ा जैविक खेती वाला राज्य बन चुका है, जो देश की कुल जैविक खेती में 40% योगदान देता है। सरकार ने इस क्षेत्र का विस्तार कर 17 लाख हेक्टेयर से 20 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
• जैविक खेती: 17 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 20 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य।
• दूध उत्पादन: वर्तमान में प्रतिदिन 591 लाख किलो, देश के कुल दुग्ध उत्पादन में 9% योगदान।
• लक्ष्य: दुग्ध उत्पादन में योगदान को 20% तक बढ़ाना।
प्रदेश में वर्तमान में प्रतिदिन 591 लाख किलो दूध का उत्पादन हो रहा है, जो देश के कुल दुग्ध उत्पादन में 9% योगदान देता है। मध्यप्रदेश अब इसे 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है।
• प्रदेश में 8 फूड पार्क, 2 मेगा फूड पार्क, 5 एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर और एक लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।
• प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्र-संस्करण योजना के तहत 930 करोड़ रुपये की सहायता राशि स्वीकृत।
• सिंचित रकबा: वर्ष 2003 में 3 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 50 लाख हेक्टेयर, लक्ष्य 2028-29 तक 1 करोड़ हेक्टेयर।
प्रदेश में सिंचित रकबा तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2003 में केवल 3 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी, जो अब 50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है। सरकार ने वर्ष 2028-29 तक इसे 1 करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। नर्मदा, चंबल, ताप्ती, बेतवा, सोन, क्षिप्रा, कालीसिंध और तवा जैसी सदानीरा नदियों पर बनी सिंचाई परियोजनाओं से यह लक्ष्य संभव हो सकेगा।
• खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में 4,000 करोड़ रुपये के निवेश से 8,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
जीआईएस में खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में आए 4,000 करोड़ रुपये के निवेश से प्रदेश में 8,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और युवाओं को नए अवसर मिलेंगे।
• मध्यप्रदेश की हरित और श्वेत क्रांति को मिलेगा नया आयाम।
• प्रदेश बनेगा देश का ‘फूड बास्केट’।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ये निवेश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के भारत को वैश्विक ‘फूड बास्केट’ बनाने के संकल्प को साकार करने में मध्यप्रदेश की अहम भूमिका को दर्शाते हैं। उन्होंने निवेशकों का आह्वान किया कि वे प्रदेश की विकास यात्रा में सहभागी बनें और राज्य की प्रगति में योगदान दें।