मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 के भव्य आयोजन के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। शुक्रवार देर रात, उन्होंने अमृत 2.0 मिशन के तहत शहर के विभिन्न वार्डों और सिंहस्थ क्षेत्र में 476 करोड़ रुपये लागत के सीवरेज कार्यों का भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री ने उज्जैन के निरंतर विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, “हम उज्जैन के गौरव में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए सदैव प्रयासरत हैं।”

सिंहस्थ 2028 के लिए व्यापक विकास योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने बताया कि सिंहस्थ 2028 के सफल आयोजन के लिए कुल 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इनमें से 2,312 करोड़ रुपये की सड़क उन्नयन परियोजनाएँ शामिल हैं।  इसके अतिरिक्त, जल संसाधन विभाग के 2,533 करोड़ रुपये के तीन, ऊर्जा विभाग के 329 करोड़ रुपये के छह कार्य, और पर्यटन विभाग के 382 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। सभी कार्य जून 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।

स्थायी कुंभ नगरी का निर्माण

उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के अवसर पर देश की पहली स्थायी कुंभ नगरी का निर्माण किया जाएगा, जिससे कुंभ मेला क्षेत्र का स्थायी रूप से विकास होगा। यह परियोजना उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा लैंड पूलिंग के जरिए 2,378 हेक्टेयर जमीन पर बनाई जाएगी। 

नया बस स्टैंड और सड़क विस्तार

सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर, उज्जैन में 75 करोड़ रुपये की लागत से नया देवास गेट बस स्टैंड बनाया जाएगा। साथ ही, इंदौर-नागदा तक नई सड़कों का निर्माण और मौजूदा सड़कों का विस्तार किया जाएगा, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। 

मेडिसिटी और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

उज्जैन में 550 बिस्तरों की क्षमता वाली मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है, जो सिंहस्थ 2028 के दौरान तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करेगी। 

उद्योग और रोजगार के नए अवसर

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उज्जैन औद्योगिक क्षेत्र में विश्व स्तरीय पेप्सीको कंपनी द्वारा वृहद स्तर की फैक्ट्री स्थापित की जाएगी, जो आलू के चिप्स का उत्पादन करेगी। यह कदम क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा।

गौ-पालन को प्रोत्साहन

प्रदेश में गौ-दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए, जो भी नागरिक घर में गौ-पालन करेंगे, उन्हें शासन द्वारा बोनस दिया जाएगा। इसके अलावा, असहाय निराश्रित गौ-माताओं के पालन के लिए शहरों में 10,000 क्षमता की गौ-शालाएँ निर्मित की जा रही हैं। गौ-शालाओं को प्रति गौ-माता 20 रुपये के स्थान पर अब 40 रुपये अनुदान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ 2028 का व्यापक एवं भव्य आयोजन हम सब की जिम्मेदारी है, और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

publicfirstnews.com

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