पब्लिक फर्स्ट । उज्जैन । अमृत बैंडवाल ।

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में व्यापार और निवेश को व्यापक प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि उज्जैन में विक्रमोत्सव-2025 का आयोजन किया जा रहा है, और विक्रम व्यापार मेले में व्यापार नए आयाम छू रहा है।

• भविष्य की योजनाएँ:

अगले कुछ वर्षों में भव्य स्तर पर सिंहस्थ-2028 महापर्व का भी आयोजन होगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि आस्था का यह महाकुंभ अर्थव्यवस्था को गति देने में इतिहास रचेगा तथा उज्जैन को प्रमुख वैश्विक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा।

[बजट एवं निवेश की घोषणाएँ]

• बजट प्रस्तुति:

इस वर्ष 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया है, जिसमें सिंहस्थ के लिए 2 हजार करोड़ से अधिक का प्रावधान शामिल है – जो आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए निर्धारित है।

• समाजिक समावेशन:

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से लाड़ली बहनों का जिक्र करते हुए कहा कि वे हमारे प्रदेश का गौरव हैं और बजट में इनके लिए विशेष ध्यान रखा गया है।

• उद्योगिक विकास के कदम:

उज्जैन में अमूल द्वारा दूध प्रसंस्करण का कारखाना स्थापित किया गया है। साथ ही, प्रदेश की सांची डेयरी को भी अमूल की तर्ज पर विकसित कर, सांची को प्रदेश की पहचान बनाया जाएगा।

• धार्मिक पर्यटन:

प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा उज्जैन में श्री महाकाल महालोक के निर्माण के बाद धार्मिक पर्यटन में अत्यधिक वृद्धि देखी जा रही है।

[ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एवं औद्योगिक नीतियाँ]

• समिट का सफल आयोजन:

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भोपाल में 24-25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 का सफल आयोजन हुआ।

• नई औद्योगिक नीतियाँ:

समिट में प्रधानमंत्री ने 18 नई औद्योगिक नीतियों की शुरुआत की। 70 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग हुई और प्रदेश को कुल 26.61 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे 17 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे।

• औद्योगिक इकाइयों का विकास:

इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए विगत एक माह में 19 नवीन औद्योगिक इकाइयों के लिए 315 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। प्रदेश को अब तक कुल 9168 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हो चुका है, जिससे 13 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।

[अन्य महत्वपूर्ण विकास एवं वैश्विक यात्राएँ]

• औद्योगिक एवं क्षेत्रीय विकास:

मुख्यमंत्री ने गर्व से कहा कि मध्यप्रदेश अब औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य के रूप में पहचाना जा रहा है। सरकार प्रदेश के गरीब युवाओं, अन्नदाताओं, नारी शक्ति सहित सभी के कल्याण पर विशेष ध्यान दे रही है। चंबल क्षेत्र में भी औद्योगिक विकास की दिशा में प्रगति हो रही है – अब वहाँ बंदूकों की आवाज की जगह औद्योगिक मशीनों की गूंज सुनाई दे रही है।

• शैक्षणिक और अंतरराष्ट्रीय पहलें:

झाबुआ में एक मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किया जा रहा है। साथ ही, यूके, जर्मनी और जापान यात्राओं में प्रदेश को एक निवेश केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे वैश्विक निवेशकों का समर्थन प्राप्त हो रहा है।

• समग्र विकास:

प्रदेश में हाल ही में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरने लगे हैं। निवेश आने के साथ-साथ उद्योग भी लगेंगे, जिससे रोजगार सृजन का एक नया अध्याय लिखा जाएगा।

• प्रधानमंत्री के नेतृत्व में:

प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश प्रौद्योगिकी, नवाचार और औद्योगिक समृद्धि में नई ऊँचाइयों को छुएगा। उद्योगपतियों ने भी आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में कंधे से कंधा मिलाया है।

• अतिरिक्त घोषणाएँ:

उज्जैन में 26 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1127 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं का यह शुभारंभ 5046 से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करेगा।

इस प्रकार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आज के कार्यक्रम में व्यापार, निवेश, औद्योगिक विकास और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण घोषणाओं से प्रदेश का विकास एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है।

publicfirstnews.com

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