HIGHLIGHTS FIRST :
• मध्यप्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत
• 1 लाख कुओं को भूजल रिचार्ज करने का लक्ष्य
• डगवेल रिचार्ज विधि को अपनाने का निर्णय
• रबी फसल की सिंचाई के लिए स्थायी जल स्रोत सुनिश्चित
• पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश
- समाचार विस्तार से
- जल गंगा संवर्धन अभियान
मध्यप्रदेश सरकार ने एक महत्वाकांक्षी जल संरक्षण पहल की शुरुआत की है। “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत राज्य में 1 लाख कुओं को रिचार्ज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है – भूजल स्तर को स्थिर करना और किसानों को सिंचाई के लिए स्थायी जल स्रोत उपलब्ध कराना।

इस योजना के अंतर्गत सरकार ने डगवेल रिचार्ज विधि को अपनाने का निर्णय लिया है — जो एक सरल, वैज्ञानिक और कारगर तरीका है। इस तकनीक में वर्षा जल को विशेष रिचार्ज पिट/फिल्टर के माध्यम से सीधे कुओं में पहुंचाया जाता है, जिससे भूजल स्तर में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होती है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सभी जिलों को इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए हैं।
- डगवेल रिचार्ज विधि: क्या है और क्यों है खास?
डगवेल रिचार्ज विधि, उथले जलभृत को पुनः भरने का एक सुलभ तरीका है। इसमें बारिश का पानी सतह पर बने एक छोटे से पिट के ज़रिए कुएं तक पहुँचाया जाता है। इससे:
• भूजल स्तर में सुधार होता है
• गर्मी और रबी फसल के मौसम में पानी की उपलब्धता बनी रहती है
• स्थानीय जल स्रोतों पर दबाव कम होता है
- किन कुओं का होगा चयन?
इस योजना में उन्हीं कुओं को शामिल किया जाएगा:
• जिनका जल स्तर 10 मीटर से अधिक है
• जो बरसात के बाद दिसंबर-जनवरी तक जल युक्त रहते हैं
• मनरेगा के अंतर्गत निर्मित कपिलधारा कुएं भी इस योजना में जोड़े जाएंगे
- किसानों को क्या मिलेगा लाभ ? • रबी की फसलों के लिए स्थायी सिंचाई स्रोत
• जल संकट से राहत
• वर्षाजल का बेहतर प्रबंधन
• भूजल का दीर्घकालीन संरक्षण
विशेष :
जल संरक्षण के इस नए प्रयास से न केवल खेती को सहारा मिलेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जल की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। जल ही जीवन है — और मध्यप्रदेश सरकार इस संदेश को जमीन पर उतारने में जुट गई है।
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