पब्लिक फर्स्ट । इंटरनेशनल डेस्क । नई दिल्ली
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक से कहा कि वे भारत में मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार न करें, बल्कि अमेरिका में ही उत्पादन बढ़ाएं।
• ट्रंप ने कहा, “हम नहीं चाहते कि आप भारत में फैक्ट्री लगाएं। भारत अपना ख्याल खुद रख सकता है।”
• ट्रंप का तर्क है कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा टैरिफ (शुल्क) लगाने वाले देशों में है, इसलिए वहां बेचना मुश्किल है।
• ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर एप्पल भारत में सिर्फ भारतीय बाजार के लिए बनाना चाहता है, तो ठीक है, लेकिन अमेरिकी बाजार के लिए उत्पादन अमेरिका में ही होना चाहिए।
• एप्पल ने हाल ही में अमेरिका में $500 बिलियन के निवेश और ह्यूस्टन में नई फैक्ट्री खोलने की घोषणा की है।
• भारत सरकार के अनुसार, एप्पल भारत में तीन प्लांट्स चला रहा है और दो और प्लांट्स पाइपलाइन में हैं। भारत में एप्पल का प्रोडक्शन तेजी से बढ़ा है, पिछले वित्त वर्ष में $22 बिलियन के iPhones भारत में असेंबल हुए।
• ट्रंप के बयान ऐसे समय आए हैं जब एप्पल चीन से मैन्युफैक्चरिंग हटाकर भारत में विस्तार कर रहा है।
ट्रेड डील पर भी बयान:
• ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर ‘शून्य टैरिफ’ का प्रस्ताव दिया है, हालांकि भारत सरकार ने अभी इस पर टिप्पणी नहीं की है।
- ट्रंप के इस बयान का क्या मतलब है ?
डोनाल्ड ट्रंप के बयान का मुख्य अर्थ यह है कि वे भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के मामलों में अमेरिका की भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं, और भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अमेरिकी शर्तों के मुताबिक चले-चाहे वह व्यापार हो या क्षेत्रीय विवाद।
ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौलने की कोशिश की, जिससे यह संदेश गया कि अमेरिका दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करना चाहता है और व्यापार को हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकता है। इसके जरिए ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई तो अमेरिका व्यापार बंद कर सकता है या टैरिफ बढ़ा सकता है।
भारतीय सरकार और विश्लेषकों ने ट्रंप के इन बयानों को खारिज किया है, क्योंकि भारत अपनी संप्रभुता और फैसलों में बाहरी दखल पसंद नहीं करता। ट्रंप के ऐसे बयान भारत पर दबाव बनाने और अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा माने जा सकते हैं ।
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