सीएम योगी आदित्यनाथ सुहेलदेव विजयोत्सव के मौके पर बहराइच पहुंचे। सीएम ने चित्तौरा झील पर बनी 40 फीट ऊंची महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा का लोकार्पण किया। उसके बाद सीएम ने मंच पर 5 बच्चों का अन्नप्राशन और नामकरण किया। बच्चों को गोद में लेकर उनको दुलारा, तिलक किया फिर खीर खिलाई। इस दौरान बच्चों ने धोती-कुर्ता पहन रखा था। इन सभी बच्चों का नाम सुहेलदेव रखा गया है।
सीएम ने अपने संबोधन में कहा, लोग मुस्लिम वोट बैंक के लिए विदेशी आक्रामकताओं के बारे में कुछ नहीं बोलते थे। सपा कांग्रेस में होड़ लगती थी कि गाजी मियां का विवाह होना चाहिए। मैं धन्यवाद दूंगा उन लोगों को जिन लोगों ने गाजी के नाम होने वाले सारे आयोजनों को बंद करवा दिया है। विदेशी आक्रामकताओं के आयोजन बंद ही होने चाहिए।
अब पढ़िए सीएम का पूरा भाषण-
सीएम मंच से बोले, लगभग 1 हजार साल पहले विदेशी आक्रामकताओं का क्या हाल हुआ, इसकी मिसाल पेश करने वाले महाराजा सुहेलदेव को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला। लेकिन पीएम मोदी ने वो सम्मान दिया। आज वो सम्मान महाराजा सुहेलदेव को दिया जा रहा है। अब विदेशी आक्रामकताओं का महिमा मंडन बंद होना चाहिए।
क्यों महाराजा सुहेलदेव को ये सम्मान पहले नहीं मिला?
पीएम मोदी का इस बारे में आदेश था राष्ट्र नायकों का सम्मान होना चाहिए। लेकिन महाराजा सुहेलदेव को सम्मान नहीं मिला। क्यों महाराजा सुहेलदेव को ये सम्मान पहले नहीं मिला? क्योंकि लोगों को वोट बैंक की चिंता तो थी साथ ही महापुरुषों का नाम रख देंगे तो कहीं तुष्टीकरण की नीति फेल न हो जाए। मुस्लिम वोट बैंक के लिए वो लोग विदेशी आक्रामकताओं के बारे में कुछ नहीं बोलते थे।
सपा जिन्ना का गुणगान करती है…
जो लोग आज भी जिन्ना का महिला मंडन करते हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं, जब बीजेपी लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के कार्यक्रम को मनाती है तब सपा जिन्ना का गुणगान करती है। जब हम लोग महाराजा सुहेलदेव के विजय उत्सव को मनाने की बात करते तो सपा कांग्रेस में होड़ लगती थी कि गाजी मियां का विवाह होना चाहिए।
आक्रामकताओं के नाम पर कोई आयोजन नहीं होगा
मैं धन्यवाद दूंगा उन लोगों को जिन लोगों ने गाजी के नाम होने वाले सारे आयोजनों को बंद करवा दिया है। विदेशी आक्रामकताओं के नाम पर कोई आयोजन नहीं होगा। वो लोग कौन थे जो अयोध्या में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे? कौन वो लोग थे जो काशी विश्वधाम का विरोध कर रहे थे?
भगवान राम का मंदिर अयोध्या में बन चुका है। राम दरबार की भी प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है। बहराइच में महाराजा सुहेलदेव का मेला होना चाहिए, सलार मसूद का नहीं, वो तो एक आक्रांता था। आक्रांता का मेला लगना मतलब गुलामी की मानसिकता।
झील के किनारे महाराजा सुहेलदेव का स्मारक बनाया गया
बता दें, जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर गोंडा रोड पर चित्तौरा झील है। झील के किनारे महाराजा सुहेलदेव का स्मारक बनाया गया है। यहां कांस्य से बनी महाराज सुहेलदेव की 40 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई गई है। दावा है कि यह प्रतिमा देश की सबसे बड़ी दो पैरों पर खड़ी अश्वारुढ़ प्रतिमा है।
इस प्रतिमा का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी की देखरेख में कराया गया है। इसे मूर्तिकार पद्मश्री रामसुतार ने बनाया है। इस स्मारक का पीएम नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया था।
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